पश्चिम उत्तर प्रदेश में जिस तरह का माहौल था उससे लग रहा था कि विधानसभा कि 71 सीटों में से भाजपा यहां 15 से 20 सीट बमुश्किल ला पायेगी लेकिन जब नतीजे आये तो भाजपा पश्चिम उत्तर प्रदेश में 40 सीटों के साथ वापिस आयी व कई सीट बहुत कम मार्जिन से हारी, कहावत है कि वादे भले टूट जाएं लेकिन शिद्दत से कि गयी कोशिश अक्सर कामयाब हो जाती है पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा कि जीत के पीछे निकल रहा वोटों का गणित भी कोशिशों कि क़ामयाबी कि कहानी बता रहा है, मुस्लिमों ने वोट जहाँ अक्सीरियत में सपा कि तरफ भाजपा को हारने के लिए किया वही कई सीटों पर मुस्लिम वोटों के सहारे भाजपा विधायकों कि नैया पार लगी, कुछ सीटों पर बसपा से अधिक भाजपा वोट ले गयी, अब बात करते हैं भाजपा कि रणनीति कि कैसे विरोध के इस माहौल में उसने प्रचण्ड बहुमत प्राप्त किया भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल पहले ही विरोध कि लहर को पहचान चुके थे, सुनील बंसल ने मेरठ में भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल व भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष जावेद मलिक के साथ हुई एक गुप्त मीटिंग में पसमांदा मुसलमानो पर फोकस करने कि बात कही क्योंकि मुसलमानो का यह एक ऐसा वर्ग था जिसको भाजपा सरकार की लगभग सभी योजनाओं का लाभ मिला था, भाजपा के चाणक्य व संगठन महामंत्री सुनील बंसल से मिले दिशा निर्देशों के बाद भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जावेद मलिक ने हर विधानसभा सीट पर 10000 वोट हासिल करने का लक्ष्य बनाया, जिसकी रणनीति के तहत उन्होंने हर बूथ पर दो कार्यकर्ताओ कि तैनाती कि और कम से कम 20 वोट का लक्ष्य एक कार्यकर्त्ता को दिया, प्रधानमंत्री मोदी जी व मुख्यमंत्री योगी जी की सरकार की योजनाओं का सीधा फायदा उठा चूका लाभार्थी वर्ग उनके निशाने पर था ये एक ऐसा वर्ग था जिसको हर सरकार में वंचित रखा गया व सिर्फ वोट बैंक के तौर पर ही इस्तेमाल किया गया, मुस्लिम लाभार्थी सम्मेलन करके व पसमांदा समाज के बीच छोटी छोटी बैठक कर जावेद मलिक पसमांदा मुसलमानो को ये समझाने में कामयाब रहें कि भाजपा सरकार में ही पसमांदा समाज का भला हो सकता है, इसी का फल था कि 8 प्रतिशत भाजपा को मिले मुस्लिम वोटों के सहारे कई विधायकों कि नैया पर लगी, क्योंकि पश्चिम उत्तर प्रदेश में 7 विधानसभा ऐसी भी रही जिन पर जीत का अंतर महज 200 वोट से क लेकर 700 वोट तक रहा, जिनमे धामपुर, नकुड़, नहटॉर, मुरादाबाद शहर, बिजनौर सदर, बड़ौत, बिलासपुर सीट मुस्लिम वोटों की बदौलत ही जीत पाए,
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जावेद मलिक ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के बुद्धिजीवी सम्मेलनो कि जिम्मेदारी संभाली थी जिसमे उन्होंने शहरी क्षेत्र के मतदाताओं के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ उत्तर प्रदेश के सभी बड़े शहरों में संवाद कार्यक्रम कराये थे, भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल व भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने जावेद मलिक कि कार्यशैली को देखते हुए उनको पश्चिम उत्तर प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे कि कमान सौंपकर विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटों को साधने का काम सौंपा जिसको जावेद मलिक ने बखूबी निभाया भी, भाजपा में जिला कार्यसमिति सदस्य के पद से अपने राजनितिक कैरियर की शुरुआत करने वाले जावेद मलिक इससे पहले फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी उत्तर प्रदेश के कोऑर्डिनेटर, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ साथ शिक्षा मंत्रालय में उर्दू कौन्सिल के सदस्य भी रह चुके हैं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा कि उम्मीदों पर खरा उतरे जावेद मलिक को भाजपा के नेताओं ने साधुवाद भी दिया ।