पांच राज्यों में हुई चुनावी हार के बाद कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में हार को लेकर चर्चा की जा रही है। इन सबके बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग कर दी है। अशोक गहलोत की यह मांग ऐसे समय में आई है जब पार्टी के ही जी-23 के नेता लगातार गांधी परिवार पर सवाल उठा रहे हैं। अशोक गहलोत ने कहा कि हमारा रास्ता तो एकता, अखंडता का है और एक रास्ता इनका (भाजपा) है धर्म और ध्रुवीकरण का। PM और केजरीवाल एक जैसा बोलते हैं। ये आग लगाना काफी आसान काम होता है लेकिन उसे बुझाना काफी मुश्किल है। राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए पार्टी एकजुट रहेगी।
भाजपा पर निशाना साधते हुए अशोक गहलोत ने आगे कहा कि चुनाव में हार-जीत होती है, एक समय BJP ने 542 में से केवल 2 सीटें जीती थी। लोग गुमराह हो रहे हैं क्योंकि ये (BJP) धर्म की राजनीति करती हैं, आज नहीं तो कल ये बात देश वासियों को ज़रूर समझ आएगा। इंदिरा गांधी ने अपनी जान दे दी लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनना चाहिए। पिछले 3 दशकों से गांधी परिवार से कोई भी पीएम या मंत्री नहीं बना। यह समझना महत्वपूर्ण है कि गांधी परिवार कांग्रेस की एकता के लिए जरूरी है। गहलोत ने कहा कि 2017 में कांग्रेस एकजुट हुई और हम जीत गए। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद माहौल भी अनुकूल था लेकिन यह हमारी भूल थी कि आंतरिक कलह के कारण हम पंजाब में विधानसभा चुनाव हार गए।
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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि ध्रुवीकरण की राजनीति आसान है। भाजपा ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी के रूप में प्रचारित किया। हमारा तरीका देश की अखंडता और एकता को बनाए रखना है। चुनावों के दौरान धर्म सबसे आगे आता है जबकि महंगाई और नौकरियों के मुद्दे बीजेपी के लिए पीछे हट जाती हैं। इससे पहले अशोक गहलोत ने कहा था कि बीजेपी हिंदुत्व और ध्रुवीकरण के नाम पर चतुराई से चुनाव जीत गई। पूरे देश में हालत गंभीर है और यूपी में कोरोना का प्रबंधन कैसे हुआ..ये सबको मालूम है। फिर भी, विपक्ष पिछड़ गया क्योंकि वे (भाजपा) चतुराई से बोलते हैं। इसने लोगों की सोच बदल दी। मेरा मानना है कि अंत में सत्य की जीत होती है।