उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का जनादेश अब लगभग साफ हो गया है। 403 403 विधानसभा सीटों वाले यूपी में जो रुझान सामने आए हैं, उसमें बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। वहीं चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए कई दिग्गज अपनी सीट में चुनाव हार गए हैं। चुनाव से ठीक पहले योगी कैबिनेट से इस्तीफा देकर अखिलेश यादव की साइकिल की सवारी करना स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) को मंहगा पड़ गया है। बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। फाजिलनगर विधानसभा सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य को बीजेपी के सुरेन्द्र कुशवाहा ने शिकस्त दी है।
सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को शिकस्त दी
जानकारी के मुताबिक, कुशीनगर की फाजिलनगर विधानसभा सीट (Fazilnagar Assembly Seat Result 2022) से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार स्वामी प्रसाद मौर्य लगभग चुनाव हार गए हैं। भाजपा के मौजूदा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के पुत्र सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को शिकस्त दी है। बता दें कि, स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर विधानसभा सीट पर पहली बार चुनाव लड़े हैं इससे पहले वे पडरौना सीट से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की थी। कुशीनगर की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव हारने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा कि, समस्त विजयी प्रत्याशियों को बधाई, जनादेश का सम्मान करता हूं। चुनाव हारा हूं, हिम्मत नहीं। संघर्ष का अभियान जारी रहेगा।
जानिए स्वामी प्रसाद मौर्य का राजनीतिक सफर
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी राजनीति की शुरुआत लोकदल से की थी। प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी 68 वर्षीय स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा में नेता विपक्ष और मायावती की सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। वह 2 बार रायबरेली की ऊंचाहार और 2 बार कुशीनगर की पडरौना सीट से विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। मौर्य पिछले विधानसभा चुनाव से पहले बसपा विधानमंडल दल का नेता पद छोड़कर भाजपा में और इस बार भी चुनाव से पहले मंत्री पद छोड़कर सपा में शामिल हो गए। आपको बता दें कि कोइरी जाति पश्चिमी यूपी के आगरा से लेकर कुशीनगर तक अच्छी संख्या में हैं। यूपी में स्वामी प्रसाद मौर्य कोइरी समाज के सबसे बड़े नेता के रुप में जाने जाते थे, मगर 2016 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने और 2017 में उप-मुख्यमंत्री बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्य कोइरी बिरादरी के सबसे बड़े नेता बन गए हैं।