जिसको बता रहे थे ‘हिमालय का योगी’, वो निकला आनंद सुब्रमण्यम: CBI ने किया गिरफ्तार, इसी के इशारे पर चल रहा था NSE

केंद्रीय जाँच एजेंसी (CBI) ने गुरुवार (24 फरवरी 2022) की देर रात को बड़ी कार्रवाई करते हुए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के पूर्व ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) आनंद सुब्रमण्यम उर्फ ‘हिमालयन योगी’ को गिरफ्तार कर लिया है। NSE में कुछ साल पहले हुए बड़े घोटाले मामले में सीबीआई ने ये पहली गिरफ्तारी की है। सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि सुब्रमण्यम ही ‘हिमालयन योगी’ है, जिसने NSE की पूर्व MD और CEO चित्रा रामकृष्ण को ईमेल के जरिए संपर्क किया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, हिमालयन योगी बनने का ढोंग कर आनंद सुब्रमण्यम ही चित्रा रामकृष्ण द्वारा लिए जाने वाले फैसलों को कंट्रोल करता था। सुब्रमण्यम को चेन्नई स्थित उसके घर से जाँच एजेंसी ने गिरफ्तार किय़ा। जाँच एजेंसी ने दावा किया है कि उसके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि आनंद सुब्रमण्यम ने rigyajursama@outlook.com नाम की मेल आईडी बनाकर चित्रा से संपर्क किया था। चित्रा ने 2013 से 2016 के बीच अपनी मेल आईडी rchitra@icloud.com से rigyajursama@outlook.com पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को लेकर कई सारी गोपनीय और संवेदनशील जानकारियाँ साझा की थीं। गौरतलब है कि चित्रा रामकृष्ण इसी अवधि में NSE की MD एवं CEO थीं।

 

हिमालयन योगी को गिरफ्तार करने से पहले पिछले सप्ताह जाँच एजेंसी ने उससे करीब चार दिन तक पूछताछ की थी, लेकिन वह सवालों के गोल-मोल जवाब देता था। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले चित्रा ने बताया था कि योगी एक सिद्ध संत हैं और वह हिमालय में कहीं रहते हैं। उनका कोई भौतिक शरीर नहीं है और वे कहीं भी आ-जा सकते हैं। इतना ही नहीं, ईमेल की जाँच में यह बात भी सामने आई कि यह हिमालयन योगी चित्रा के बालों की खूब तारीफ करता था और विदेश में जाकर समुद्र की सैर करता था।

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कौन हैं आनंद सुब्रह्मण्यम

साल 2013 में NSE ज्वॉइन करने से पहले सुब्रह्मण्यम Balmer and Lawrie कंपनी में मिडिल मैनेजमेंट के तौर पर काम करते थे। उनका सालाना वेतन 15 लाख रुपए से भी कम था। इसके साथ ही उन्हें शेयर मार्केट से संबंधित कोई अनुभव भी नहीं था। मार्च 2013 में उन्हें तत्कालीन MD चित्रा रामकृष्ण ने NSE में चीफ स्ट्रेटेजी ऑफिसर के(CSO) तौर ज्वॉइनिंग दी। ज्वॉइनिंग के समय उन्हें 1.68 करोड़ रुपए का सालाना पैकेज दिया गया। शुरू से ही उनका एक्सचेंज के हर काम में हस्तक्षेप होता था।