नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) गुरुवार को पंजाब (Punjab) जा रहे हैं. वे वहां पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) के प्रचार के सिलसिले में पूरे दिन रहने वाले हैं. हालांकि उनकी इस यात्रा से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि क्या वे पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) के लिए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी (CM Candidate) घोषित करेंगे. ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने 2017 में तत्कालीन कांग्रेसी दिग्गज कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) को घोषित किया था.
इस सवाल के लिहाज से अगर पंजाब प्रदेश कांग्रेस (PPC) कार्यकर्ताओं का अपेक्षा को देखा जाए, तो यह ये है कि मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी (CM Candidate) घोषित किया जाना चाहिए. ताकि पूरे प्रदेश संगठन की यह स्पष्ट समझ रहे कि वे किसके नेतृत्व में चुनाव में उतर रहे हैं. वहीं, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अब तक लगातार सामूहिक नेतृत्व की बात पर जोर देते रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के मामले से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं पर नजर डाली जा सकती है.
दिनभर का कार्यक्रम है राहुल का
अब तक मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का गुरुवार, 27 जनवरी को पंजाब में दिनभर का कार्यक्रम है. वे सबसे पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में माथा टेकेंगे. फिर दुर्गियाना मंदिर और भगवान वाल्मीकि मंदिर भी जाएंगे. उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री (Punjab CM) चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjeet Singh Channi), प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidddu ) और राज्य विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में उतरे पार्टी के सभी 117 उम्मीदवार होंगे. यात्रा के आखिरी चरण में जालंधर मीठापुर से एक चुनावी रैली करेंगे लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए. क्योंकि अभी कोरोना संक्रमण (Corona Infection) को देखते हुए सार्वजनिक सभाओं पर चुनाव आयोग (Election Commission) ने रोक लगा रखी है.
क्या राहुल उम्मीदें पूरी करेंगे?
यह देखना दिलचस्प होगा. पंजाब के कांग्रेस (Punjab Congress) कार्यकर्ताओं को लगता है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपनी पहली ही चुनावी यात्रा में कोई चौंकाने वाला फैसला सुना सकते हैं. मतलब, मुख्यमंत्री पद के लिए कोई ऐसा नाम जिसके बारे में अभी बहुत ज्यादा अंदाजा न लगाया गया हो. हालांकि जानकारों को ऐसा नहीं लगता. उनके मुताबिक, अभी पार्टी का रुख ये है कि जाट समुदाय के नवजोत सिंह सिद्धू, दलित-सिख चरणजीत सिंह चन्नी और हिंदू नेता सुनील जाखड़ को बराबरी से साध कर रखा जाए. इसीलिए पार्टी ने अभी बार-बार सामूहिक नेतृत्व (Collective Leader) की बात कर रही है. राहुल गांधी इसी रुख को मजबूती दे सकते हैं.
पार्टी को 2017 में फायदा हुआ था
हालांकि पार्टी के आधिकारिक रुख के बावजूद कई लोग मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी के मसले पर स्पष्टता के हामी हैं. वे 2017 का उदाहरण देते हैं, जब कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) को स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी (CM Candidate) घोषित किया था. इसके बाद कैप्टन ने आम आदमी पार्टी को बताया. साथ ही, खुद को ‘पंजाब का पुत्तर’ और बड़े अंतर से चुनाव जिताकर पार्टी को सत्ता में ले आए. कुछ इसी आधार पर चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू अलग-अलग मौकों पर कह चुके हैं कि मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी (CM Candidate) घोषित करने से कांग्रेस (Congress) को पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) में फायदा होगा. इस तरह वे अपनी दावेदारी भी जता चुके हैं और दरअसल, यही उनकी राह में रोड़ा भी बन गई है. क्योंकि दोनों में किसी एक का या कोई तीसरा नाम मुख्यमंत्री पद के लिए घोषित होते ही इस बार पार्टी को फायदा कम नुकसान ज्यादा होने का अंदेशा है. इसीलिए लगता नहीं कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कोई जोखिम लेंगे.