मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून व्यवस्था के मोर्चे पर जो प्रदेश पांच वर्ष पहले “प्रश्न” प्रदेश बना हुआ था, आज वही प्रदेश उत्तर प्रदेश बना गया है। हमने पारदर्शी व्यवस्था के तहत प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख पुलिस भर्ती की है। साथ ही प्रशिक्षण क्षमता का भी विकास हुआ है। 2017 के पहले मात्र छह हजार रिक्रूट का प्रशिक्षण किया जा सकता था। आज ही 15 हजार 428 रिक्रूट के सफल प्रशिक्षण को दीक्षांत परेड के माध्यम से देख रहे हैं।
यह बातें उन्होंने पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ भवन के शिलान्यास और राजकीय भवनों के लोकार्पण मौके पर कहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने दीक्षांत परेड का निरीक्षण किया और उल्लेखनीय कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर प्रदेश में ही नहीं, देश-दुनिया में प्रश्न खड़े होते थे। मार्च 2017 में ही हमारी सरकार ने तय किया था कि हम प्रदेश में होने वाली भर्ती प्रकिया में 20 फीसदी महिलाओं और बेटियों को स्थान देंगे। पिछले साढ़े चार साल में जो भी पुलिस की भर्ती हुई, उसमें प्रदेश की बेटियों ने बढ़चढ़कर भागीदारी की है। यह प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पिछले साढ़े चार साल में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी।
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों में पुलिस की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि पहले पुलिस आरक्षियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। न घर थे और न आफिस में बैठने के लिए जगह थी। आज आजादी के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस बल पर जितना किसी भी सरकार ने व्यय किया होगा, उससे कई गुना ज्यादा हमने साढ़े चार साल में खर्च किया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। रेंज स्तर साइबर थाना और फारेंसिक लैब की स्थापना की गई है। आज प्रदेश के चार महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट स्थापित हो चुका है। इसका लाभ पुलिस को मिल रहा है। साथ ही इससे प्रदेश की छवि को देश और दुनिया के सामने बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पुलिस बल जितना दक्ष होगा, उसका कानून व्यवस्था और अर्थव्यवस्था पर उतना ही सकारात्मक असर दिखाई देगा। प्रदेश के अंदर कानून व्यवस्था अच्छा होने का ही परिणाम है कि आज निवेश बढ़ रहा है। जो प्रदेश कभी दंगाग्रस्त था, अपराध के लिए कुख्यात था, आज वही प्रदेश बेरोजगारी पर लगाम लगाने वाले प्रदेश के रूप में जाना जा रहा है। महिला सुरक्षा पर प्रश्न खड़ा हुआ करता था। आज मिशन शक्ति के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला बीट अधिकारियों के माध्यम से बेहतर प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीजी कॉन्फ्रेंस में आये देशभर के पुलिस अधिकारियों ने यूपी पुलिस के सकारात्मक कार्यों को देखा और उसकी सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये रिक्रूट जब प्रदेशभर में अपनी ड्यूटी पर जाएंगे तो प्रदेश की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे। उन्होंने प्रशिक्षण पूरा होने पर बधाई दी, साथ ही उम्मीद जताई कि नए रिक्रूट सरकार की जीरो टालरेंस की नीति के अनुरूप कार्य करेंगे।