मंडी शुल्क को लेकर किराना व्यापारियों की नाराजगी लगातार बढ़ रही है। वाराणसी किराना व्यापार समिति के पदाधिकारियों अध्यक्ष मनोज कुमार,महामंत्री अशोक कसेरा ने शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा।
पदाधिकारियों ने कहा कि एक राष्ट्र, एक टैक्स ,एक बाजार का नारा देने वाली सरकार आज व्यापारियों के साथ अन्याय और उत्पीड़न करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती। व्यापारियों की एक बहुत लंबी लड़ाई के बाद विगत वर्ष 8 जून 2020 को पूरे देश में मंडी शुल्क हटाया गया था। जिसे पुन: 10 दिसंबर 2021 को लागू कर दिया गया।
पदाधिकारियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इसे तत्काल लागू भी कर दिया गया है। जबकि पड़ोसी राज्यों में मंडी शुल्क लागू नहीं है। मंडी शुल्क से यहां का व्यापार काफी प्रभावित होगा और ग्राहकों का पलायन होगा।
उन्होंने कहा कि जिन्सों के दाम में भी बढ़ोतरी होगी जिसका प्रभाव सीधे आम जनता पर होगा। महंगाई में इजाफा होगा अधिकारी राज का आगमन होगा और व्यापारियों का उत्पीड़न और शोषण होगा। अभी व्यापारी जी.एस.टी के जंजाल को समझ भी नहीं पाया और उबर भी नहीं सका। सरकार भी अभी जी.एस.टी को लेकर लगभग 75 बार संशोधन कर चुकी है। व्यापारी नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार से मंडी शुल्क तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की। चेताया कि अगर सरकार व्यापारियों की मांग स्वीकार नहीं करती है तो आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को क्षति उठानी पड़ सकती है।
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व्यापारी नेताओं ने बताया कि 1 जनवरी 2022 शनिवार को एक विशाल मशाल जुलूस लहुराबीर स्थित आजाद पार्क से मंडी शुल्क के विरोध में निकलेगी। 02 जनवरी रविवार को प्रातः 10 बजे एक बाइक रैली (लगभग 500,बाईक)मच्छोदरी से निकलकर पूरे शहर में भ्रमण कर पी.एम.ओ ऑफिस तक जाएगी और जनप्रतिनिधियों सहित पी.एम.ओ को अपना विरोध पत्र सौंपेगा। पदाधिकारियों ने दावा किया कि उनके आंदोलन में किराना, गल्ला, तिलहन, सुरती, सुपारी, लकड़ी, एवं अन्य संगठनों का संयुक्त रुप से समर्थन प्राप्त है।