नई दिल्ली: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) की ‘नाराजगी’ और उनके बयान को लेकर खड़े हुए विवाद के चलते कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश के अपने वरिष्ठ नेताओं को शुक्रवार को दिल्ली बुलाया है.
आलाकमान ने बुलाई तत्काल बैठक
सूत्रों का कहना है कि जिन नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है उनमें खुद हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोडियाल, विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय शामिल हैं. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘कांग्रेस नेतृत्व की ओर से प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को शुक्रवार सुबह 10 बजे तक दिल्ली पहुंचने के लिए कहा गया है. संभव है कि राहुल गांधी इन नेताओं के साथ बैठक करें.’ दूसरी तरफ, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक नेता ने कहा कि चुनाव की तैयारियों को लेकर लगातार बैठकें हो रही हैं और शुक्रवार को भी इसी संदर्भ में बैठकें प्रस्तावित हैं.
हरीश रावत से पार्टी को उम्मीदें
इस बीच, कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को हरीश रावत से बातचीत की और उनकी ‘नाराजगी’ के कारणों को जानने की कोशिश की. वरिष्ठ नेताओं ने रावत से ऐसे समय में संपर्क किया है जब एक दिन पहले बुधवार को उन्होने पार्टी संगठन पर असहयोग का आरोप लगाते हुए कहा था कि उनका मन सब कुछ छोड़ने का कर रहा है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने रावत से उनके इस रुख के कारणों के बारे में जानने का प्रयास किया और उनसे कहा कि वह आगामी विधान सभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें.
कांग्रेस में अंदरखाने ही चल रहा विवाद
रावत के करीबी सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री जिन विषयों को लेकर ‘आहत’ हैं उन पर पार्टी आलाकमान को ध्यान देना चाहिए क्योंकि आगामी विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए इन मुद्दों का समाधान जरूरी है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मुद्दे का समाधान निकाले जाने की उम्मीद है. उधर, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tiwari) ने हरीश रावत की आलोचना की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘पहले असम, फिर पंजाब, अब उत्तराखंड…पूरी तरह खत्म करेंगे. कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे.’
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हरीश रावत ने किया था ऐसा ट्वीट
इस दौरान उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख गणेश गोडियाल ने गुरुवार को कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता रावत की भावनाओं को साझा करते हैं लेकिन यह एक संगठनात्मक विषय है जिसका हल 1-2 दिनों में पार्टी आलाकमान के साथ परामर्श से किया जाएगा. आपको बता दें कि उत्तराखंड में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख रावत ने बुधवार को ट्वीट किया था, ‘है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर कर खड़ा हो रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है.’