हर हिन्दू को हिन्दू समाज की रक्षा के लिए तन-मन-धन से जो भी सम्भव हो भागीदारी करनी चाहिए। हिन्दू समाज के हित के लिए हिंदुओं को ही सोचना होगा। यह बातें विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय महामंत्री मिलिन्द परांडे ने शनिवार को कानपुर प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय कार्यालय दुर्गा भवन में शनिवार को केन्द्रीय महामंत्री मिलिन्द परांडे ने विश्व हिन्दू परिषद के सभी आयामों द्वारा चलाये जा रहे प्रकल्पों एवं कार्यों की समीक्षा की। इसके साथ ही कार्यकर्ताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विश्व हिन्दू परिषद के आयाम, जैसे कि बजरंग दल की प्रान्तीय टोली एवं सभी विभाग संयोजक, मातृशक्ति, दुर्गावाहिनी की प्रान्तीय टोली की बहनें, गौरक्षा, धर्म प्रसार आदि की संगठनात्मक बैठक भी हुई। वहीं
पनकी स्थित एक होटल में अधिवक्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, कि हिन्दू समाज के सम्मान, स्वाभिमान एवं अस्मिता की रक्षा के लिए जमीनी संघर्ष के साथ साथ न्यायालय में मजबूत विधिक संघर्ष भी आवश्यक है। विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिवर्ष 2 लाख से अधिक गायों की रक्षा की जाती है, परन्तु उचित विधिक जानकारी के अभाव में गायों पर अत्याचार करने वालों पर कई बार कठोर कार्यवाही नहीं हो पाती। हिन्दू बेटियों को बरगलाने कर लव जेहाद जैसी चुनौतियों से भी संघर्ष बिना मजबूत कानूनी आधार के सम्भव नहीं है। अधिवक्ता बन्धुओं से भी पूर्ण विश्वास के साथ अपेक्षा है, कि इस संघर्ष में आवश्यक सहयोग करेंगे।
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बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव पोरवाल, प्रवीण फाइटर, त्रिलोक स्वरूप घई समेत 20-22 वरिष्ठ अधिवक्ता बन्धु उपस्थित रहें। इसके साथ ही मिलिन्द परांडे आईआईटी कानपुर के निदेशक समेत कई प्रोफेसर्स एवं छात्रों से भी मुलाकात की। इस दौरान सनातन संस्कृति के वैज्ञानिक महत्व समेत कई महत्वपूर्ण विषयों और चर्चा हुई। हिन्दू संस्कृति एवं परम्पराओं के वैज्ञानिक आधार पर भी चर्चा हुई।