प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक मास्टर स्ट्रोक से विपक्ष को फिर मुद्दा विहीन कर दिया है। कड़ी कार्रवाई के तहत उन्होंने अपने जनसम्पर्क अधिकारी को निलंबित कर दिया है। यह मुद्दा शुक्रवार को विधानसभा में भी उठा था जिस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने अपने जनसम्पर्क अधिकारी को तुरंत निलंबित कर दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसम्पर्क अधिकारी का एक पत्र सोशल मीडिया पर जारी हुआ। इस पत्र में उन्होंने बागेश्वर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तीन चालानों को निरस्त करने के लिए कहा। जनसम्पर्क अधिकारी ने इस पत्र में मुख्यमंत्री का भी कथित रूप से हवाला दिया और कहा कि मुख्यमंत्री ने इसके लिए मौखिक निर्देश दिए हैं। पत्र जैसे ही जनता की अदालत में पहुंचा तो इस पर बवाल हो गया।
कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक लिया। मुख्यमंत्री इस अवधि में दिल्ली थे। उत्तराखंड पहुंचने पर उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए जनसम्पर्क अधिकारी को निलंबित कर जांच के आदेश दे दिए हैं। सोशल मीडिया में जो पत्र जारी हुआ था, उसमें प्रेषक का नाम मुख्यमंत्री के जनसम्पर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट का था।
यह पत्र 29 नवंबर को बागेश्वर यातायात पुलिस, बागेश्वर द्वारा किये गए वाहन संख्या यूके 02 सीए 0238, यूके 02 सीए 1238 और यूके 04 सीए 5907 के चालान को निरस्त करने के संदर्भ में था जिसकी प्रतिलिपि संभागीय परिवहन अधिकारी को भी भेजी गई थी। वाहन संख्या यूके 02 सीए 0238, यूके 02 सीए1238 भार वाहन हैं, जिसके स्वामी मनोज कुमार शाह हैं।
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यूके 02 सीए1238 के नाम पर 14200 का चालान तथा यूके 02 सीए 0238 के नाम पर 15600 रुपये का चालान प्रस्तावित है। इसी प्रकार हरीश कुमार शाह के नाम से यूके 04 सीए 5907 पर 13000 का चालान प्रस्तावित था। इस मामले की जांच चल रही है और यह वाहन खड़िया ढुलाई में संलिप्त थे। इस प्रकरण पर मुख्यमंत्री की सख्ती इस बात का संकेत है कि वह किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।