44 वर्षों के बाद बहुप्रतीक्षित सरयू नहर परियोजना का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी 11 दिसम्बर को प्रदेश की जनता को समर्पित करेंगे। किसानों में खुशी की लहर है। नौ जिलों को जोड़ रही इस नहर परियोजना से तकरीबन 25 लाख किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। वहीं, बाढ़ के समय भी यह परियोजना सहायक होगी।
9,802 करोड़ की लागत से बनी इस परियोजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 दिसम्बर को जनपद के हसुंवाडोल पहुंचकर जनता को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी से तैयारी में जुटा हुआ है।
1978 से लटकी रही यह सिंचाई परियोजना
वर्ष 1978 में दो जिलों के किसानों को लाभान्वित करने के लिए शुरु की गई, इस योजना को वर्ष 1982 में विस्तार देते हुए तात्कालिक उत्तर प्रदेश की सरकार ने नौ जिलों तक विस्तारित किया। वर्ष 2012 में तात्कालिक सरकार द्वारा इस नहर परियोजना को विस्तार देते हुए राष्ट्रीय कृत परियोजना का दर्जा प्रदान किया गया। लेकिन तात्कालिक सरकारों की अनदेखी की वजह से यह परियोजना लगातार अधर में लटकी रही।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 से प्राथमिकता से शुरु कराया कार्य
किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर सिंचाई परियोजना से जुड़ी इस योजना को नरेन्द्र मोदी सरकार ने प्राथमिकता देते हुए नौ जिलों को जोड़ने वाली, जिसमें तकरीबन 25 लाख किसान को सिंचाई का लाभ मिलेगा। इस योजना को प्राथमिकता देते हुए वर्ष 2018 से तेजी से कार्य शुरू कराया। परियोजना अब लगभग तैयार है। 11 दिसम्बर को प्रधानमंत्री बलरामपुर में पहुंच इस योजना को देश को समर्पित करेंगे।
-इन जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश के गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, कुशीनगर, श्रावस्ती, महाराजगंज और सिद्धार्थनगर जिले को इस योजना से जोड़ा गया है। इन जनपदों के तकरीबन 25 लाख किसान लाभान्वित होगें।
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अब सिंचाई की समस्या खत्म होगी
तुलसीपुर निवासी किसान लालदेव पाठक, राधेश्याम मोर्या, सोहनलाल, ओंकार गुप्ता, राम प्रसाद सिंह ने बताया कि यहां हार्ड एरिया होने के चलते सिंचाई सिर्फ प्रकृति के भरोसे थी। नहर तैयार हो जाने से सिंचाई की समस्या खत्म हो गई है। इस सिंचाई योजना के बारें में दशकों से सुनते आ रहे थे। लेकिन अब इस सरकार ने इसे किसानों के हित में पूरा किया है।