प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल शुक्रवार को हेलीकाप्टर से कपिलवस्तु स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के अतिथि गृह पहुंची। जहां से वह ककरहवा के रास्ते भारतीय सीमा पार करके पड़ोसी देश नेपाल में लुम्बिनी भ्रमण के लिए चली गईं। लुंबिनी पहुंचकर पर उन्होंने सर्व प्रथम मायादेवी मंदिर में महात्मा बुद्ध के जन्म स्थल का दर्शन किया। इसके बाद अशोका स्तम्भ का अवलोकन कर दीप जलाकर पूजा किया।

इसके पश्चात उन्होंने वहां के सवर्ण मंदिर, कंबोडियन मन्दिर, थाई विहार, शांति स्तूपा, शांति दीप आदि का भी अवलोकन किया। लुंबिनी से सम्बन्धित भगवान बुद्ध के जन्म से लेकर उनसे सम्बन्धित सभी क्रिया कलापों के बारे में लुंबिनी विकास के सूचना प्रमुख हरिध्वज राई ने उन्हें विस्तार से जानकारी दिया।
राज्यपाल ने अपने साथ आई हुई महिलाओं को गुजराती भाषा में बुद्ध से सम्बन्धित लुंबिनी के इतिहास के बारे में बताया। लुंबिनी में कुछ यात्रियों से मिलकर राज्यपाल ने उनका कुशलक्षेम भी पूछा तथा मन्दिर के अन्दर छोटी सी दुकान चलाने वाली महिला से भी वहां के स्थानीय सुविधाओं की जानकारी भी लिया।
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इस दौरान कपिलवस्तु हेली पैड से लेकर भारत के ककरहवा सीमा तक सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से मुस्तैद रही। भारतीय सीमा पर पहुंचते ही वहां पहले से मौजूद नेपाल में भारतीय विदेश मंत्रालय के अशोक कुमार एवं नेपाल के अन्य सुरक्षा कर्मी उनकी सुरक्षा में लग गए। लुंबिनी भ्रमण के पश्चात राज्यपाल वापस कपिलवस्तु विश्वविद्यालय आ गईं। राज्यपाल ने लुंबिनी में कई मंदिरों का दर्शन करने के पश्चात थाई मन्दिर में ध्यान भी किया। इस दौरान नेपाल के लुंबिनी में राज्यपाल की सुरक्षा व्यवस्था में एपीफ के डी एस पी शोभनाथ खनाल सहित कई सुरक्षा एजेंसियां मुस्तैद रही।
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