डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के फैकल्टी एसोसिएशन ने सातवें वेतन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू करते हुए वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग शासन से की है। संस्थान के चिकित्सकों ने गुरूवार को प्रशासनिक भवन के सामने विरोध जताया और वित्त नियंत्रक का घेराव भी किया। फैकल्टी एसोसिएशन ने अपनी मांगों की एक प्रति संस्थान की निदेशक डा. सोनिया नित्यानंद को भी सौंपी है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. धमेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार से ओपीडी एवं शैक्षणिक कार्य का बहिष्कार 01 घंटे किया जायेगा जो कि सोमवार से दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जायेगा।
डा. धमेन्द्र ने कहा कि विभिन्न प्रशासनिक पटलों पर इस संबंध में वार्ता होने के उपरांत कोई हल नहीं निकल सका। इसलिए जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती, सभी चिकित्सा शिक्षक अपना-अपना विरोध जारी रखेंगे।
एसोसिएशन के सचिव डा. विकास सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि लोहिया संस्थान की स्थापना एसजीपीजीआई के समान ही एम्स समतुल्य संस्थान के रूप में की गयी थी। इस संस्थान में कार्यरत चिकित्सा शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति व प्रोन्नति की योग्यता एवं वेतन भत्ते एम्स के समान देने की व्यवस्था है।
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के फैकल्टी एसोसिएशन के सदस्य डा. राजीव रतन सिंह ने कहा कि लोहिया संस्थान में सातवें वेतन आयोग की सभी सिफारिशें लागू ना होने के कारण विभिन्न वेतन विसंगतियां हैं। यह सभी सिफारिसें एम्स के सभी संस्थानों तथा संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में पूर्व में ही लागू हो चुकी है।
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