रायबरेली अमेठी की चुनावी राजनीति में ऊंचाहार-अमेठी रेल परियोजना नौ साल बाद फ़िर से मुख्य मुद्दा बनने जा रहा है और इस बार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी निशाने पर हैं। हालांकि इस बार राजनीति ने करवट ले ली है और अब कांग्रेस इसे भाजपा के ख़िलाफ़ आजमाने जा रही। जबकि 2013 में इसको भाजपा ने रायबरेली अमेठी के चुनावों में मुख्य हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया था। उस समय राहुल गांधी ने वर्षो से उपेक्षित इस परियोजना का शिलान्यास कर लाभ लेने की कोशिश की, यह अलग बात है कि उन्हें इसके बावजूद हार का सामना करना पड़ा।
इस बार इसी मुद्दे पर कांग्रेस केंद्रीय मंत्री और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी को कटघरे में खड़ा कर रही है। लंबे समय से राजनीति के लिए फुटबॉल बनी इस परियोजना को एक बार फिर चुनावी मैदान में आजमाया जा रहा है।
दरअसल, यह मुद्दा रेलवे के एक सर्वे के बाद आया,जिसमें इस परियोजना का रेट ऑफ रिटर्न को शून्य बताते हुए इसे उपयोगी नहीं होने की बात कही गई थी। इस आंतरिक रिपोर्ट की तस्दीक उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने रायबरेली के दौरे पर भी की थी। उन्होंने स्पष्ट किया था कि सर्वे में आई रिपोर्ट के आने के बाद इस परियोजना का प्रस्ताव नहीं पास हो सका है,हालांकि उन्होंने कहा था कि यदि जरूरत पड़ी तो इस पर विचार करते हुए दुबारा सर्वे कराया जा सकता है। कुल मिलाकर उन्होंने इस परियोजना पर ग्रहण लगने के संकेत दे दिए।
मीडिया में आये उनके इसी बयान के आधार स्थानीय राजनीति गर्म हो गई। रायबरेली में कांग्रेस के नेताओं में इसको लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी और सीधा इसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को निशाने पर लिया है।
रायबरेली कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी का कहना है कि कांग्रेस की इस महत्वपूर्ण जनसरोकार की परियोजना पर ग्रहण लगने से स्पष्ट है कि भाजपा रायबरेली और अमेठी के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जनता के बीच जाया जाएगा। इसके लिए व्यापक रणनीति के लिए विचार किया जा रहा है। उन्होंने आश्चर्य किया कि इस मुद्दे पर स्मृति ईरानी चुप हैं। दूसरी ओर इसे लेकर अमेठी में भी राजनीति जारी है।
मंगलवार को एमएलसी दीपक सिंह ने इसके ख़िलाफ़ अमेठी में मोर्चा खोलते हुए कहा कि स्मृति ईरानी कैबिनेट मंत्री होने के बाद भी चुप हैं,जबकि 2015 में इस बाबत 965 करोड़ का बजट जारी किया गया था और तत्कालीन रेल मंत्री ने राज्यसभा में धन उपलब्ध होने की जानकारी दी थी।
दीपक सिंह ने कहा कि कांग्रेस स्मृति ईरानी की इस चुप्पी और भाजपा के अमेठी रायबरेली के सौतेले व्यवहार को लेकर आंदोलन करेगी। अब इस मुद्दे पर हो रही इस बयानबाजी से स्पष्ट है कि अमेठी रायबरेली के चुनाव में यह एक प्रमुख मुद्दा होने वाला है।
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उल्लेखनीय है बहुप्रतीक्षित ऊंचाहार अमेठी की 66 किमी रेल लाइन परियोजना का 2013 में सांसद राहुल गांधी ने किया था, जिसपर करीब 966 करोड़ की राशि खर्च की जानी थी। हालांकि लोकसभा चुनावों की अधिसूचना जारी होने से इस पर काम नहीं शुरू किया जा सका। इसी बीच 2014 मे केंद्र की भाजपा सरकार बनने से इस परियोजना पर संकट की बात होने लगी और पांच साल बाद केंद्र की भाजपा सरकार ने जुलाई 2018 में इसके लिए व्यापक सर्वे शुरू किया। इस बीच 2019 में अमेठी की सांसद बनी स्मृति ईरानी ने भी इस परियोजना के जल्द शुरू होने की बात कही थी और उन्होंने इसके लिए अपर गृह सचिव अवनीश अवस्थी व डीआरएम संजय त्रिपाठी के साथ विशेष बैठक भी की थी।