महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ उद्धव सरकार इन दिनों जांच एजेंसियों के निशाने पर बनी हुई है। अभी बीती रात जहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में सूबे के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की गिरफ्तार किया है। वहीं सुबह होते ही इनकम टैक्स विभाग ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर चाबुक चलाया है। दरअसल, इनकम टैक्स विभाग ने मंगलवार सुबह अजित पवार को तगड़ा झटका दिया है। आईटी विभाग ने मंगलवार सुबह अजित पवार की एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह पहला मौका नहीं है जब आईटी विभाग ने अजित पवार की संपत्तियों को जब्त किया है। हालांकि इस बार आईटी द्वारा अजित पवार पर की गई कार्रवाइयों में सबसे बड़ी कार्रवाई है।

अजीत पवार की इन संपत्तियों को किया गया जब्त
बताया जा रहा है कि अजित पवार की जब्त संपत्तियों में दक्षिणी दिल्ली स्थित करीबन 20 करोड़ का फ्लैट शामिल है। निर्मल हाउस स्थित पार्थ पवार ऑफिस की कीमत करीब 25 करोड़ है। जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री करीब 600 करोड़ का है। इसके अलावा गोवा में रिसोर्ट जिसका नाम निलया उसकी कीमत 250 करोड़ है। अब 90 दिन का समय अजित पवार के पास होगा यह साबित करने के लिए कि यह प्रॉपर्टीज जो अटैच की गई है वह बेनामी पैसे से नहीं खरीदी गई है।
अभी पिछले महीने आईटी विभाग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य से कथित रूप से जुड़े कम से कम 70 परिसरों पर छापेमारी की थी। आयकर विभाग ने कहा था कि छापेमारी के दौरान लगभग 184 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय के सबूत मिले। छापेमारी में 2.13 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 4.32 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए गए थे।
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इसके पहले बीते सोमवार को ईडी ने अवैध वसूली के आरोप झेल रहे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अनिल देशमुख से 12 घंटे की मैराथन पूछताछ की है। केवल इतना ही नहीं, इस पूछताछ के बाद रात को ईडी ने अनिल देशमुख को गिरफ्तार भी कर लिया है। अनिल देशमुख की यह गिरफ्तारी धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत की गई है।
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