दो लाख रुपये की रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम द्वारा पकड़े गए अधीक्षण अभियंता को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक ने निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान अधीक्षण अभियंता को मुख्य अभियंता कार्यालय मुरादाबाद से संबद्ध किया गया है।
एंटी करप्शन की टीम ने गुरुवार को अधीक्षण अभियंता मेरठ देवेंद्र पचौरिया को दो लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। एनसीआरटीसी द्वारा मेरठ रैपिड रेल से सम्बन्धित शिफ्टिड विद्युत लाईनों के हैण्डओवर व टेकओवर कार्यों से सम्बन्धित प्रकरण में अधीक्षण अभियंता ने ठेकेदार फर्म से 12 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी। जिस पर ठेकेदार फर्क के निदेशक कुलबीर ने एंटी करप्शन विभाग से शिकायत की।
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एंटी करप्शन विभाग के सीओ दीपक त्यागी के नेतृत्व में गुरुवार दोपहर को अधीक्षण अभियंता को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अरविंद मलप्पा बंगारी ने रिश्वत लेने के आरोपित अधीक्षण अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। प्रबंध निदेशक ने आरोपित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करते हुए मुख्य अभियंता वितरण मुरादाबाद के कार्यालय से संबद्ध कर दिया है।