कांग्रेस की आपसी कलह ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। पार्टी हाईकमान को अभी तक पंजाब कांग्रेस के भीतरी विवाद की वजह से विभिन्न मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मचा घमासान पार्टी हाईकमान के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। हालांकि, इस विवाद को ख़त्म करने के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। दरअसल, दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच अलग से जो बातचीत हुई, वह छत्तीसगढ़ के हिसाब से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

कांग्रेस हाईकमान ने लिया सख्त निर्णय
समझा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर आलाकमान अब दो टूक निर्णय लेने जा रहा है। पिछले कुछ माह से प्रदेश में इसे लेकर काफी गहमागहमी रही है। अब तक मुख्यमंत्री का लगातार राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी से बातचीत का क्रम जारी था। अरसे बाद ऐसा हुआ है कि सोनिया गांधी को भूपेश बघेल से अलग से बातचीत की जरूरत पड़ी।
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री के कार्यकाल विवाद पर हाईकमान लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ ही संगठन से भी चर्चा कर रहा था। खबर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पद छोड़ने के पक्ष में नहीं थे। उसके बाद सिंहदेव की नाराजगी खत्म करने के लिए हाईकमान ने निर्णय लिया है कि अब मुख्यमंत्री पद के विवाद को जल्द पटाक्षेप कर दिया जाए।
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कांग्रेस सूत्रों के अनुसार सोनिया गांधी और बघेल के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा हुई है । इसके पहले पिछले कुछ दिनों में बघेल की गांधी परिवार से ज्यादातर चर्चा उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरणों को लेकर होती रही थी। इधर, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने कुछ बेहद करीबी लोगों के साथ 16 अक्टूबर की रात दिल्ली के लिए उड़ान भरा था। अंबिकापुर में इलाज के दौरान नवजात बच्चों की मौत की खबर सुनकर सिंहदेव रविवार दोपहर छत्तीसगढ़ पहुंचे। सिंहदेव आज सोमवार को फिर दिल्ली रवाना हो रहे हैं। सिंहदेव के बेहद करीबी इस समय दिल्ली में ही डटे हुए हैं। प्रदेश की राजधानी रायपुर शांत है लेकिन दिल्ली के दस जनपथ में जरूर हलचल तेज है।
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