राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में विपक्षी नेताओं को गैरकानूनी तरीके से रोका जाना लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है। गहलोत ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एवं अन्य नेताओं को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है।

गहलोत ने ट्वीट कर जताया विरोध
सीएम गहलोत ने सोमवार सुबह ट्विट कर कहा कि एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी एवं अन्य नेताओं को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। वे प्रमुख विपक्षी नेता हैं और लखीमपुर खीरी जिले में रविवार जो किसान मारे गये उनके परिवारों से मिलने जा रही थीं।
उन्होंने कहा, विपक्षी नेताओं को गैरकानूनी तरीके से रोका जाना लोकतांत्रिक मानदंडों के खिलाफ है। पहले शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर भाजपा नेताओं के काफिले की गाड़ियां चढ़ाकर उनको बर्बरता से मार दिया गया, फिर विपक्षी नेताओं को वहां जाने से रोका जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है। प्रियंका उन परिवारों के साथ खड़े होने के लिये जा रहीं थीं जिन्होंने अपने प्रियजनों को रविवार की में खोया है। इस कर्तव्य निर्वहन के लिये उनको रोकना पूर्णतया अनुचित है।
उन्होंने उत्तरप्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार का अमानवीय चेहरा पूरी तरह सामने आ चुका है। किसानों की मांगों को अनसुनी करना, किसान आंदोलन को तोड़ना, उन पर अत्याचार करना और फिर किसी विपक्षी दल को उनके साथ न खड़े होने देना, यह सत्ताधारी दल का लोकतंत्र विरोधी रूप है जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है।
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गहलोत ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तथा पंजाब के उप मुख्यमंत्री को राज्य में आने से रोके जाने की भी निंदा की। सीएम ने कहा, ऐसा केवल एक तानाशाह सरकार ही कर सकती है। क्या यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र को खत्म कर देना चाहती है? इस तरह नागरिक अधिकारों का हनन संविधान की भावना के भी विपरीत है।
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