भारतीय सेना के जवानों ने बीते दिनों उरी सेक्टर से घुसपैठ के आरोप में गिरफ्तार किये गए पाकिस्तानी आतंकी ने कई ऐसे खुलासे किये है, जिनसे पाकिस्तान का आतंकी चेहरा बेनकाब हो गया है। दरअसल, पाकिस्तानी आतंकी अली बाबर ने अपने कबूलनामे में पाकिस्तान की पोल खोल दी है। पाकिस्तान में रहने वाले 19 वर्षीय बाबर के इस खुलासे की जानकारी सेना के अधिकारी ने दी।
पाकिस्तान ने दिया था पैसों का लालच
सेना के अधिकारी द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, अली बाबर से अपने कबूल्नामें में बताया है कि वह पाकिस्तान से हथियार सप्लाई करने के लिए भारत आया था, उसे भारत आने के लिए पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने रुपयों का लालच दिया था। आईएसआई ने use 20 हजार रुपये नगद दिया था, जबकि 30 हजार रुपये इसके परिवार वालों को दिए गए थे। साथ ही उसने यह भी बताया कि useपाकिस्तानी आर्मी ने ट्रेनिंग दी थी।
मिली जानकारी के अनुसार, अली बाबर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मौजूद ओकारा का निवासी है। इसकी उम्र सिर्फ 19 साल है। उसे पाकिस्तान के गढ़ी हबीबुल्लाह में आतंकी ट्रेनिंग मिली थी। बाबर को पट्टन इलाके में हथियार पहुंचाने का जिम्मा मिला था। यह भी हो सकता है कि बाबर का काम सिर्फ हथियार पहुंचाने तक सीमित ना हो और वह किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने के प्लान का हिस्सा हो।
मंगलवार को सुरक्षाबलों ने बताया था कि आतंकी पिछले 10 दिन से उरी के पास मौजूद एक नाले में छिपा था। फिर इसे ढूंढकर जिंदा पकड़ा गया। बाबर को सुरक्षाबलों ने लश्कर ए तैयबा का आतंकी बताया है। उसके पास से AK-47 राइफल और चीन-पाकिस्तान निर्मित कई ग्रेनेड बरामद हुए। अभियान के दौरान एक आतंकवादी मारा भी गया था, वहीं तीन भारतीय सैनिक घायल हो गए थे।
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जीओसी 19 इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि एलओसी पर संदिग्ध गतिविधियां देखे जाने के बाद सेना ने 18 सितंबर को अभियान शुरू किया था। इसमें छह घुसपैठियों से एनकाउंटर हुआ था। उनमें से चार बाड़ के दूसरी तरफ थे जबकि दो भारतीय क्षेत्र की तरफ आ गए थे। इनमें से एक को ढेर किया गया, वहीं दूसरे को जिंदा पकड़ा गया