प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री एवं शिवसेना नेता अनिल परब को फिर से समन जारी कर उन्हें 28 सितंबर को मुंबई स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है। राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगे अवैध वसूली के आरोपों के मामले में ईडी अनिल परब से भी पूछताछ करना चाहता है। ईडी इस मामले की जांच मनी लॉन्ड्रिंग के ऐंगल से कर रहा है।
ईडी ने अनिल परब को दोबारा थमाई है नोटिस
अनिल परब की ओर से ईडी के समन पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अनिल परब को ईडी ने इससे पहले समन भेजकर 31 अगस्त को तलब किया था, लेकिन उन्होंने एक लोकसेवक और राज्य सरकार के मंत्री के रूप में कुछ प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए समय मांगा था। उस समय परब ने वकील को भेजकर कहा था कि बतौर मंत्री उनके कार्यक्रम पहले से तय रहते हैं, इसलिए उन्हें 15 दिन का वक्त दिया जाना चाहिए।
अब ईडी ने अनिल परब को आज दूसरी बार समन जारी किया है। ईडी की टीम अनिल परब से अवैध वसूली मामले में पूछताछ करना चाहती है। ईडी को पता चला है कि परिवहन अधिकारी बजरंग खरमाटे ने वसूली के 20 करोड़ रुपये अनिल परब तक पहुंचाए हैं। ईडी की टीम इस मामले में परिवहन अधिकारी बजरंग खरमाटे से पूछताछ कर चुकी है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच ईडी मनी लॉन्ड्रिंग ऐंगल से कर रही है। ईडी ने एंटीलिया प्रकरण में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी सचिन वाझे का बयान भी रिकॉर्ड किया है।
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सचिन वाझे ने अपने बयान में कहा है कि उनको वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तबादले से कुल 40 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। इनमें से 20 करोड़ रुपये तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख को उनके सहायक संजीव पालांडे एवं कुंदन शिंदे के माध्यम से पहुंचाए थे। इसी तरह परिवहन विभाग के अधिकारी बजरंग खरमाटे ने वसूली के 20 करोड़ रुपये अनिल परब तक पहुंचाए थे।