पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने सीएम के रूप में सूबे की कमान थाम ली हो। सोमवार को चरणजीत सिंह चन्नी से पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। हालांकि, कांग्रेस द्वारा चन्नी को सूबे का पदभार देना उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को नागवार गुजरा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस को दलितों पर भरोसा नहीं है। दलित सीएम बनाना कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है। मायावती ने कहा कि दलित वर्ग कांग्रेस से सावधान रहे।
चन्नी की वजह से कांग्रेस पर भड़की मायावती
मायावती ने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी को कुछ वक्त के लिए पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया जाना कांग्रेस का चुनावी हथकंडा है। आगामी पंजाब चुनाव इनके नेतृत्व में नहीं बल्कि गैर दलित के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इससे साफ होता है कि कांग्रेस का दलितों पर अब तक भरोसा नहीं हुआ है।
चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की। वह शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन के शासनकाल के दौरान साल 2015-16 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे।
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आपको बता दें कि सोमवार को चन्नी ने पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई दिग्गज नेता उपस्थित रहे। उनके अलावा के अलावा सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओम प्रकाश सोनी ने भी मंत्री पद की शपथ ली जो राज्य के उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं।