सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को राहत दी है। कोर्ट ने फर्जीवाड़े के एक मामले में दोनों को जमानत का आदेश दिया है। हालांकि जमानत का ये आदेश चार हफ्ते बाद लागू होगा। इस बीच ट्रायल कोर्ट में शिकायतकर्ता का बयान दर्ज होगा। इस ज़मानत के बावजूद दूसरे मामलों में ज़मानत न मिलने के चलते आज़म खान फिलहाल रिहा नहीं हो पाएंगे।

आजम खान के खिलाफ दर्ज हैं कई आपराधिक मामले
मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान और उनके बेटे अबदुल्ला खान को जमानत का आदेश दिया है। यह आदेश चार सप्ताह के बाद लागू होगा। इस बीच उत्तर प्रदेश के निचली अदालत में शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया जाएगा।
आजम खान और अब्दुल्ला को जिस मामले में जमानत मिली, वो फर्जी पैन कार्ड से जुड़ा हुआ है। आजम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ जमानत याचिका दायर की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट 26 नवंबर, 2020 को फर्जी तरीके से पैनकार्ड और पासपोर्ट बनवाने के मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुका है। दोनों कई दूसरे मामलों में भी जेल में बंद हैं।
आजम खान की जमानत के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने आपत्ति जताई। इसपर कोर्ट ने सवाल किया कि क्या इस मामले में अभी भी कस्टडी की जरूरत है, इस पर उत्तर प्रदेश की ओर से वकील एसवी राजू ने बताया कि आजम खान के खिलाफ कई गंभीर मामलों में प्राथमिकी दर्ज है। हालांकि आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 280/2019 FIR मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
सिब्बल ने कहा कि सरकार ने पासपोर्ट और पैन कार्ड मामले में अलग-अलग FIR दर्ज किया जबकि इस मामले में मुख्य प्राथमिकी में आजम खान को जमानत मिल चुकी है।
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सिब्बल ने कोर्ट में बताया कि मामले में दूसरा पैन कार्ड और दूसरा जन्म प्रमाणपत्र बनाया गया था। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार कहा ने कि पहला पैन कार्ड मौजूद होने के बाद भी दूसरे पैन कार्ड को जारी कराया गया और पहले पैन कार्ड की जानकारी छुपाई गई। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा आजम खान अभी अस्पताल में हैं। सरकार ने यह भी बताया कि पाकिस्तान गए एक शख्स के लाखों रुपये संपत्ति को गलत तरीके से अपने नाम कर लिया गया।
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