इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम पर सवाल लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, हाईकोर्ट ने न सिर्फ इस याचिका को खारिज कर दिया है, बल्कि इस याचिका को दायर करने वाले याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना भी लगा है। अदालत का कहना है कि यह याचिका सिर्फ पब्लिसिटी के लिए दायर की गई है।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर भी शिकंजा
ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का प्रयोग करने की मांग वाली इस याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने ईवीएम पर सवाल तो उठा दिए लेकिन उनके पास ईवीएम को लेकर कोई खास जानकारी तक मौजूद नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने इसे पब्लिसिटी के लिए दायर की गई याचिका करार दिया। हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
आगामी चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से करवाने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि दुनिया के कई देशों में ईवीएम की जगह एक बार फिर से बैलट पेपर के जरिए चुनाव होने शुरू हो गए हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि जिन देशों ने ईवीएम की शुरुआत भी की थी वह भी वापस बैलेट पेपर पर आ गए हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि हमारे देश में कई दलों के राजनेताओं को भी ईवीएम पर विश्वास नहीं है सिर्फ केंद्रीय चुनाव आयोग को ही है।
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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आपके पास ऐसे क्या आधार है जिसके आधार पर आप कह रहे हैं कि ईवीएम में गड़बड़ी हो सकती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि जर्मनी की सुप्रीम कोर्ट ने भी ईवीएम के इस्तेमाल को असंवैधानिक करार दिया है।