उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति ने मदरसों को दिया ख़ास मशविरा, अंग्रेजी-गणित को दी तवज्जो

मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (मानू) के नवनियुक्त कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन ने कहा कि मदरसों में अंग्रेजी और गणित की पढ़ाई अनिवार्य होनी चाहिए। अगर मदरसों में इस तरफ ध्यान दिया जाता है तो यहां से शिक्षा प्राप्त करके निकलने वाले छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए कोई मुश्किल पेश नहीं आएगी और छात्रों को किसी भी तरह का कोई ब्रिज कोर्स करने की भी जरूरत नहीं होगी।

कुलपति ने मदरसों को दी सलाह

कुलपति के इस मशविरे का मक़सद यह है कि मदरसे के विद्यार्थी पढ़ाई पूरी करने के बाद विश्वविद्यालयों में सीधे दाखिला लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अपने सपने को पूरा कर सकें।

उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. हसन से इस सिलसिले में एक सवाल किया गया कि क्या विश्वविद्यालय आपके नेतृत्व में कोई ऐसा कार्यक्रम चलाएगा, जिससे मदरसे से पढ़कर निकलने वाले विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के काबिल बनाया जा सकेगा। अपने जवाब में उन्होंने कहा कि कि इस काम के लिए पूरी तरह से तैयार हैं लेकिन मदरसों को भी इसके लिए आगे आना होगा। मेरा बहुत से मदारिस से वास्ता रहा है। मैं देशभर के मदरसों में जाता रहा हूं।

कुलपति ने आगे कहा कि मैंने मदरसों के जिम्मेदारों से हमेशा कहा कि आप दो अध्यापक अंग्रेजी और गणित के अपने मदरसे में जरूर रखें। यह दो विषय जरूर पढ़ाएं। चाहे इसके लिए अलग से समय की व्यवस्था क्यों नहीं करनी पड़े। मदरसों में मूलभूत शिक्षा ज़रूरी है ताकि आलिम, फाजिल और कामिल बनने वाले विद्यार्थियों को दोबारा हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा नहीं देनी पड़े। इसलिए अगर मदरसों के जिम्मेदार अपने पाठ्यक्रम में यह विषय रखेंगे तो बच्चों की मार्कशीट पर इनका नाम होगा और अगर इनका नाम होगा तो यह आगे यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त कर सकते हैं।

उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति ने कहा कि मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिविर्सिटी को बनाने का उद्देश्य ही उर्दू भाषा को बढ़ावा देना है और उर्दू को रोजी-रोटी से जोड़ना है। उनका कहना है कि आखिर हम डिग्री किसलिए हासिल करते हैं। जाहिर है कि हमारा मकसद इसको प्राप्त करके अपने भविष्य को बेहतर बनाना ही तो है।

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मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी की स्थापना 1998 में हुई थी। प्रो. हसन विश्विद्यालय के पांचवे कुलपति बने हैं। अपनी नियुक्ति के बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।