संसद में जारी मानसून सत्र के दौरान लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को संसद में विपक्ष के पेगासस खुफियागिरी और कृषि कानूनों के विरोध से जुड़े हंगामें के चलते सोमवार तक के लिए स्थगित हो गई। इस दौरान दो विधेयक लोकसभा में पेश किए गए जिसमें सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 भी शामिल है।
लोकसभा में वित्त मंत्री ने दी विधेयक की जानकारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीमा से जुड़े विधेयक को पेश करने के दौरान उठी आपत्तियों का जवाब देते हुए कहा कि विधेयक से नेशनल जनरल इंशोयरेंस का निजीकरण नहीं होने जा रहा है। सरकार चाहती है कि इसके पास उपलब्ध संसाधन बढ़ें जिसके लिए लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। बाजार से मिली पूंजी का इस्तेमाल कर जनरल इंशोयरेंस नए प्रीमियम पैकेज दे पाएगा। इससे तकनीक और संसाधन के साथ उसके कारोबार को गति मिलेगी।
वित्त मंत्री ने विपक्ष की ओर से सदन के अव्यवस्थित होने के मुद्दे पर कहा कि वह भी चाहती हैं कि महत्वपूर्ण विधेयक पर ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो, इस पर चर्चा हो। ऐसे में इस विधेयक के महत्व को समझना होगा।
लोकसभा की आज जब सुबह 11 बजे शुरु हुई तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पेगासस खुफियागिरी मामले में चर्चा की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि हम लगातार इस संबंध में सरकार से मांग कर रहे हैं लेकिन हमारी मांग नहीं मानी जा रही। इसके बाद हंगामें के बीच करीब आधा घंटे प्रश्नकाल चला और कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इसके बाद 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरु की गई। इस दौरान केन्द्रीय पर्यवारण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, 2021’ पेश किया। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 को सदन में पेश किया। बीमा से जुड़े विधेयक को पेश करते समय विपक्ष की ओर से आपत्ति जताई गई।
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केरल से सांसद एमके प्रेमचन्द्रन ने कहा कि वर्तमान में लोकसभा में हंगामा चल रहा है ऐसे में इस तरह के महत्वपूर्ण विधेयक को पेश नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार विधेयक के माध्यम से नेशनल जनरल इंशोयरेंस का निजीकरण कर रही है। इसके अलावा कुछ अन्य सदस्यों ने भी यही दोनों मुद्दे उठाए।