मनी लॉन्डरिंग मामले में फंसे महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ उद्धव सरकार के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल, ईडी ने शिकंजा कसते हुए अनिल देशमुख की 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर किया है। इस मामले को लेकर ईडी अनिल देशमुख की पत्नी से भी पूछताछ करेगी।
गृह मंत्री रहने के दौरान अनिल देशमुख ने किया था पद का दुरुपयोग
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम को पत्र लिखकर महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने पुलिस अफसरों को 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का टारगेट दिया है। इस आरोप के बाद ईडी के निशाने पर आए अनिल देशमुख को सियासी दबाव की वजह से अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
अब ईडी ने मनी लॉन्डरिंग एक्ट के तहत पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की करोड़ों की संपत्ति जब्त कर ली है। ईडी की इस कार्रवाई में उनकी पत्नी और कंपनी प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड पर भी तगड़ा चाबुक चला है। ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्ति में मुंबई का एक रेजिडेंशियल फ्लैट शामिल है जिसकी कीमत 1.54 करोड़ रुपये बताई गई है। वहीं रायगढ़ में भी उनकी एक 2.67 करोड़ रुपये की जमीन को कुर्क कर लिया गया है। ईडी ने यह कार्रवाई IPC की धारा 120-B, 1860 और PM अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत की है।
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इस मामले की जांच में पता चला है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने तब के मुंबई पुलिस के सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे के जरिए ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से कुल 4.70 करोड़ रुपये नकद रिश्वत ली थी। वहीं जांच में देशमुख के मुंबई वाले फ्लैट को लेकर भी बड़ी जानकारी सामने आई है।
बताया गया है कि अनिल देशमुख का वर्ली वाला फ्लैट उनकी पत्नी आरती के नाम पर रेजिस्टर्ड है। उस फ्लैट की पूरी पेयमेंट भी साल 2004 में कैश के जरिए कर दी गई थी, लेकिन ‘सेल डीड’ पूरे 16 साल बाद यानी की फरवरी 2020 में की गई जब अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृह मंत्री बने थे।