अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो देशों के सैनिकों की वापसी की शुरुआत के बाद से ही आतंकवादी संगठन तालिबान ने अपनी आक्रामकता और बढ़ा दी है। इस बीच अफगानिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत, रूस और चीन से मदद मांगी है।
तालिबान के खिलाफ लड़ाई में अफगान सरकार ने मांगी मदद
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब ने कहा कि एक दूसरे के सहयोग से ही शांति और स्थिरता पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह विदेशी शक्तियों से आग्रह करते हैं कि वह आतंक्वादों संगठन तालिबान के खिलाफ लड़ाई में अफगानिस्तान को सहयोग करें। मोहिब ने कहा कि वह भारत, रूस और चीन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद की मांग कर रह हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की थी कि वह 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपने सारे सैनिक हटा लेंगे। उन्होंने कहा था कि तालिबान की सेना बेहतर और प्रशिक्षित होने के साथ तालिबान से लड़ने में सक्षम है। उनके पास बहुत ही मजबूत बल है।
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आपको बता दें कि चरमपंथी संगठन ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने अफगानिस्तान के करीब 85 फीसदी हिस्से पर कब्जा जमा लिया है। इसमें ईरान से लगते सीमांत इलाके भी शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से सैनिकों की वापसी का बचाव किए जाने के कुछ घंटों बाद ही तालिबान ने यह दावा किया। तालिबान ने कहा कि उसने ईरान से लगती सीमा पर मौजूद कस्बे इस्लाम काला पर कब्जा जमा लिया है।