भारत द्वारा खरीदे गए 36 राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर फ्रांस में शुरू हुई न्यायिक जांच ने कांग्रेस को मोदी सरकार पर हमला करने का नया मौका दे दिया है। फ्रांस की न्यायिक जांच के आदेश के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार ने भी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच कराने की मांग कर दी है।
राफेल डील को लेकर कांग्रेस ने की मांग
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को वर्चुअली एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार, देशद्रोह, सरकारी खजाने को नुकसान से जुड़े राफेल घोटाले का घिनौना पदार्फाश आखिरकार उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज सही साबित हुए हैं।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि फ्रांस ने राफेल घोटाले की जांच का आदेश दिया है। 14 जून, 2021 को फ्रांसीसी लोक अभियोजन सेवा ने एक एनजीओ की शिकायत पर भ्रष्टाचार, प्रभाव पेडलिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, पक्षपात की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और वर्तमान राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भूमिका की जांच की जा रही है, तो भारत के पूर्व रक्षा मंत्री और एक भारतीय कंपनी की भी जांच क्यों नहीं की जा सकती।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि फ्रांस में मीडिया ने दसॉ और एक भारतीय कंपनी के बीच सौदे का खुलासा किया है, जिसने एक संयुक्त उद्यम का गठन किया था। उन्होंने कहा कि यह तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा दिए गए बयान की पुष्टि करता है, जिन्होंने कहा था कि एक भारतीय कंपनी को दसॉ के औद्योगिक भागीदार के रूप में नियुक्त करने का निर्णय भारत सरकार का था, जिसका अर्थ है मोदी सरकार। और फ्रांस के पास इस मामले में कोई विकल्प नहीं था।
यह भी पढ़ें: धर्मांतरण के तार पाकिस्तान से जुड़ने के बाद चला ईडी का चाबुक, आरोपियों पर कसा शिकंजा
कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 126 लड़ाकू विमानों के स्थान पर 36 राफेल जेट खरीदने के लिए 7.8 अरब यूरो के सौदे पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने बताया कि फ्रांसीसी सरकार ने भ्रष्टाचार विरोधी खंड को हटा दिया।