पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हिंसा के दौरान हुए कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच के लिए बंगाल आए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अधिकारियों ने जाधवपुर का दौरा करने के बाद मंगलवार को कहा कि यहां चालीस से अधिक घरों को तबाह कर दिया गया है। उन्होंने बताया, ‘जांच के दौरान यह सामने आया है कि जाधवपुर में चुनाव बाद हुई हिंसा में 40 से अधिक मकानों को बर्बाद किया गया। इतना ही नहीं, हम पर गुंडों द्वारा हमला किया जा रहा है।’

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हिंसा के दौरान हुए कथित मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा गठित एक समिति ने मंगलवार को हितधारकों से भी बातचीत की।
आयोग के अध्यक्ष ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर यह समिति गठित की थी। अदालत ने चुनाव बाद हिंसा के दौरान हुए मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोपों की जांच के लिए इसका गठन किया था। समिति ने इस मुद्दे पर मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग कार्यालय, साल्ट लेक में शिकायतें हासिल कीं।
इससे पहले समिति के सदस्यों ने साल्ट लेक में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के स्टाफ ऑफिसर मेस में सोमवार तक पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी शिकायतें लीं। एनएचआसी अधिकारी के मुताबिक समिति और आयोग के कई दल राज्य के विभिन्न स्थानों का दौरा कर रहे हैं तथा आरोपों की जांच कर रहे हैं।
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उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 18 जून को निर्देश दिया था कि समिति आगे उठाये जाने वाले कदमों के बारे में भी सुझाव देगी, ताकि कथित पीड़ित अपने घरों में शांतिपूर्वक रह सकें तथा अपना रोजगार या कारोबार कर सकें।
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