कानपुर। कोरोना काल में सुहागिनों ने कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए घरों में ही वट वृक्ष की पूजा अर्चना करके मां सावित्री से अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद मांगा। साथ ही महिलाओं ने अपील भी कि कोरोना काल में सभी लोगों को कोविड नियमों का पालन करते हुए मास्क का प्रयोग अवश्य करें।
सुहागिन महिला डॉली तिवारी ने बताया कि आज के ही दिन सावित्री देवी ने अपने पति के प्राण यमराज देव से बचाए थे, जिसको लेकर इस पूजा को हर सुहागिन पूजा अर्चना कर मनाती है। वट वृक्ष सावित्री की पूजा करने से पति की दीर्घायु व संतान का सुख मिलता है।
सुहागिन महिला रुचि ने बताया कि वह पिछले 17 वर्षों से वट वृक्ष व सावित्री देवी की पूजा अर्चना कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे मां सावित्री का आशीर्वाद निरंतर मिला है।
हरवंश मोहाल निवासी अंजना का कहना है कि कोरोना काल में पड़ रही वट वृक्ष पूजा में उन्होंने घर पर ही रहकर मां सावित्री का ध्यान व पूजा अर्चना कर पति की लम्बी आयु का आशीर्वाद मांगा है।
सुहागिन पुष्पांजलि तिवारी ने बताया कि उन्होंने पहली बार वट सावित्री की पूजा अर्चना कर रही है। विधि-विधान से पूजन करके अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद मांगा है। उन्होंने बताया कि सावित्री देवी ने अपनी कड़ी तपस्या से अपने पति के प्राण बचाए थे।
विवाहिता अंजलि तिवारी ने बताया कि वट सावित्री का व्रत पूजन बड़ा फलदायी है। उन्होंने पूजा कर पति व बच्चे के साथ परिवार की खुशहाली की कामना की। साथ ही देश से कोविड महामारी के जाने की प्रार्थना की।
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आचार्य विशाल द्विवेदी ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पति की दीर्घायु और संतान के उज्जवल भविष्य के लिए व्रत रखती हैं। इस साल वट सावित्री का व्रत गुरुवार को मनाया गया है। उनका कहना है कि जो भी विवाहित महिलाएं वट वृक्ष सावित्री की पूजा अर्चना मन से करती है, उन पर प्रभु देव की विशेष रूप से कृपा होती है। वट वृक्ष सावित्री की पूजा हर सुहागिन के लिए एक विशेष महत्व भी रखती हैं।