कोरोना की दूसरे लहर के दौरान देशभर में मौत का तांडव रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा में बहती शवों ने सब को विचलित कर दिया। बारिश और हवाओं के कारण जब रेतों से शव बाहर आने लगे तो एक बार फिर यह मुद्दा मीडिया में गरमा गया। योगी सरकार भी दबाव महसूस कर रही है। उत्तर प्रदेश में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं इस वजह से योगी सरकार अब जनता को नाराज़ करना नहीं चाहती। शायद यही कारण है कि अब योगी सरकार एक्शन मोड में आ गई है और कार्रवाई करते हुए प्रयागराज के DM भानु चंद्र गोस्वामी को हटा दिया गया है। स्पष्ट है कि गंगा की रेतों में शव को दफनाए जाने के मामले में ही उन पर यह गाज गिरी है।
पद से हटाकर बनाया गया सड़क अभियंत्रण का CEO
भानु चंद्र गोस्वामी को प्रयागराज के DM पद से हटाने के बाद उन्हें ग्रामीण सड़क अभियंत्रण का सीईओ बनाया गया है। वही भानु चंद्र गोस्वामी की जगह 2010 बैच के आईएएस संजय कुमार खत्री को अब प्रयागराज की कमान सौंपी गई है। बता दें कि इसके पहले संजय जल निगम के संयुक्त प्रबंध निदेशक पद पर तैनात थे। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में योगी सरकार का जंक्शन आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए लिया गया निर्णय माना जा रहा है।
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विधानसभा चुनाव में भी बन सकता है मुद्दा
बता दे कि प्रयागराज में गंगा किनारे दफन शव अब रेत से बाहर आने लगे हैं। इसके पीछे का कारण तेज हवाएं बारिश और जानवरों द्वारा रेत से मिट्टी को निकालना है। उत्तर प्रदेश में इन दर्शकों पर जमकर राजनीति होनी भी शुरू हो गई है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में गंगा किनारे दफन इन शवों पर जमकर राजनीति होगी। शासन ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए शव दफनाने को मना ही के साथ ही विद्युत शवदाह गृह निर्माण के लिए भी प्रस्ताव भेज दिया है।