बीते महीने आए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को लगातार मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बंगाल चुनाव में हार मिलने के बाद पहले जहां बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे थे। वहीं अब पार्टी में भी बगावत के सुर उठने शुरू हो गए हैं। इसका ताजा उदाहरण बीजेपी की सांगठनिक बैठक में सामने आया है। दरअसल, इस बैठक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ उन्ही के पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है।

बीजेपी अध्यक्ष को झेलना पड़ा विरोध प्रदर्शन
मिली जानकारी के अनुसार, यह हंगामा तब हुआ जब दिलीप घोष सान्गाथिक बैठक में हिस्सा लेने के लिए हुगली के चूचूरा पहुंचे। यहां बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं ने दिलीप घोष का घेराव करके विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी के कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष से यह मांग कर रहे थे कि जल्द से जल्द हुगली जिला कमेटी को भंग किया जाए और जिलाध्यक्ष गौतम चटर्जी को हटाया जाए।
इस बारे में जानकारी देते हुए हुगली की सांसद लॉकेट चटर्जी ने इस विरोध प्रदर्शन का ठीकरा तृणमूल कांग्रेस पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता, वरिष्ठ नेताओं से अपनी शिकायतें दर्ज कराने को लेकर पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। उन्होंने बूथ स्तर के नेताओं को यह भी याद दिलाया कि अनुशासन को लेकर पार्टी कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके लोगों ने बीजेपी समर्थकों की भीड़ में घुसकर हंगामा किया।
हालांकि बीजेपी सांसद का इस आरोप का तृणमूल कांग्रेस ने सिरे से खंडन किया है। तृणमूल के हुगली जिलाध्यक्ष ने कहा कि किसी दूसरे पर आरोप लगाने से पहले बीजेपी अपने गिरेबान में झांककर देखे। उन्होंने लॉकेट चटर्जी और दिलीप घोष को अपना घर संभालने की नसीहत भी दी और कहा कि बीजेपी के नेता पहले अपना घर संभालें तब किसी दूसरे पर आरोप लगाएं। टीएमसी के जिलाध्यक्ष ने विधानसभा चुनाव से पहले की परिस्थितियों का भी हवाला दिया।
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उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव के नतीजे आने के बाद भी बीजेपी की आंतरिक लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। टीएमसी हुगली के जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता और उनका नेतृत्व इसी आंतरिक लड़ाई पर पर्दा डालने के लिए राजनीतिक हिंसा का झूठा राग अलाप रहे हैं। उन्होंने राजनीतिक हिंसा के आरोप भी खारिज कर दिए।
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