सचिन तेंदुलकर का 24 साल लंबा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर बेमिसाल रहा। इस दौरान उन्होंने बल्लेबाजी के कई रिकॉर्ड तोड़े और कई नई इबारतें गढ़ीं। फिर भी उनकी ख्वाहिश अधूरी रह गई। जिसका मलाल उन्हें आज भी है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के 8 साल बाद सचिन ने कहा कि वैसे तो वो अपने करियर से पूरी तरह संतुष्ट हैं। लेकिन उन्हें दो बातों का जरूर मलाल रह गया।

वनडे और टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सचिन ने क्रिकेट डॉट कॉम को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैं अपने क्रिकेट करियर को लेकर खुश हूं। लेकिन मुझे अपने करियर में दो बातों का मलाल रहा। पहला सुनील गावस्कर के साथ भारतीय टीम में न खेल पाना और दूसरा बचपन के हीरो विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ मैदान में न उतर पाना।
सचिन को गावस्कर के साथ न खेल पाने का मलाल
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक जमा चुके सचिन ने कहा कि मैंने सुनील गावस्कर के साथ कभी नहीं खेला और मुझे इस बात का हमेशा मलाल रहेगा। वो मेरे बैटिंग हीरो थे। उन्हें देखते हुए ही मैंने क्रिकेट खेलनी सीखी थी। ऐसे में मुझे उनके साथ नहीं खेल पाने का मलाल है। सचिन ने बताया मेरे अंतरराष्ट्रीय डेब्यू से कुछ साल पहले ही गावस्कर ने संन्यास ले लिया था।
विव रिचर्ड्स को सचिन अपना हीरो मानते थे
सचिन ने आगे बताया कि उनका दूसरा मलाल विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेल पाना रहा। इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने कहा कि मैं भाग्यशाली रहा कि काउंटी क्रिकेट में उनके साथ खेलने का मौका मिला पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके खिलाफ नहीं खेलने का मलाल रहा। वो 1991 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायर हो गए थे। जबकि मैंने 1989 में डेब्यू किया था। फिर भी मुझे उनके खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला था।
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सचिन ने 2013 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा था। उन्होंने अपने 24 साल लंबे करियर में 200 टेस्ट, 463 वनडे और एक टी20 खेला। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 34 हजार से ज्यादा रन बनाए। टेस्ट में सचिन ने 51 शतकों के साथ 15921 और वनडे में 49 सेंचुरी के साथ 18426 रन ठोके। वे दोनों ही फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।
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