राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने कोरोना काल में प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में लगे हुए कर्मचारियों के कार्यों एवम कोरोना नियंत्रण में उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री योगी को एक पत्र लिखा है।
जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि कोरोना संकटकाल में सभी सक्षम स्तर पर संवाद हीनता के कारण कर्मचारियों की समस्याएं गंभीर होती जा रही है। उन्होंने स्वीकृत पदों के सापेक्ष नियुक्त, सेवा नियमावली में निर्धारित पद की अर्हता पूरा करने वाले 3 साल तक काम कर चुके संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण किए जाने, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बनाए गए जेम पोर्टल को और अधिक प्रभावी मनाते हुए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन, भत्तों एवं उनकी सेवा को संरक्षित किए जाने, उनके लिए अलग नियमावली बनाए जाने, कोरोना काल में दिवंगत कर्मचारी शिक्षकों को अनुग्रह राशि के भुगतान में हो रहे विलंब पर कार्यवाही किए जाने, कर्मचारियों की समस्याओं के लिए ऑनलाइन संवाद स्थापित किए जाने जैसी महत्वपूर्ण मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के साथ वार्ता करने के उद्देश्य से पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है।
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उन्होंने मुख्यमंत्री से कर्मचारियों पर लगाए गए एस्मा पर भी कर्मचारियों का पक्ष स्पष्ट करने के उद्देश्य से एवं कर्मचारियों से संबंधित से कुछ राजनीतिक बिंदुओं पर भी विचार विमर्श की इच्छा मुख्यमंत्री से व्यक्त किया है। हालांकि मुख्यमंत्री इस समय कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मंडलों में स्वयं जाकर समीक्षा बैठक कर रहे हैं, समाज के विभिन्न वर्गों के साथ ऑनलाइन संवाद स्थापित कर सभी का सहयोग प्राप्त कर रहे हैं, मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश की जनता के कल्याण से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं, ऐसी स्थिति में उनके पास समय का अभाव है लेकिन जिन मुद्दों पर जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर चर्चा करने की उत्सुकता जाहिर किया है, वह मुद्दे अत्यंत संवेदनशील है। उन्होंने आशा व्यक्त किया है कि मुख्यमंत्री जी अपने व्यस्त समय में से समय निकालकर मुलाकात के लिए समय जरूर देंगे।