कोरोना संक्रमण के इलाज और वैक्सीन की वजह से बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) बीच शुरू हुए विवाद ने कानूनी रूप ले लिया है। दरअसल, आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। इस एफआईआर में आईएमए ने बाबा रामदेव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। यह एफआईआर आईएमए की बंगाल इकाई ने किया है।
बाबा रामदेव के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
मिली जानकारी के अनुसार, आईएमए की बंगाल टीम ने योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कोलकाता के सिंथी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। आईएमए के बंगाल ईकाई के पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी के राज्यसभा के एमपी डॉ शांतनु सेन और राज्य अध्यक्ष संतोष मंडल द्वारा दायर एफआईआर में कहा गया है कि हाल में बाबा रामदेव के बयान से विवाद पैदा हुआ है। उन्होंने कहा है कि मार्डन मेडिसन की वजह से कोरोना पीड़ित मरीजों की ज्यादा मौतें हुई हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज के बावजूद लगभग 10 हजार डॉक्टरों की मौत हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस महामारी के बीच वह समाज में असमंजस पैदा कर रहे हैं। यह गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा कि वह न केवल मार्डन मेडिसीन का नाम खराब कर रहे हैं, वरन जान की बाजी लगाकर देश की सेवा कर रहे डॉक्टरों का भी असम्मान किया है। इस कारण उनके खिलाफ एफआईआर दायर किया और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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बता दें कि आईएमए ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग और मानहानि का दावा दायर किया है। बाबा ने दावा किया कि एलोपैथी ने सिर्फ 10% गंभीर मरीजों का इलाज किया। बाकी 90% योग-आयुर्वेद से ठीक हुए। कोरोना की तैयारियों से लेकर कुंभ समेत कई विषयों पर उन्होंने बेबाक जवाब दिए।