पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हुई रक्तरंजित हिंसा से लाखों लोगों ने पलायन शुरू कर दिया और दूसरे राज्यों में शरण ले ली ली, लेकिन राजनीतिक हिंसा को लेकर अब भी कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के कारण एक लाख से ज़्यादा लोगों के पलायन के मामले पर याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 जून को होगी।
बता दें पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद लगातार हिंसा की शिकायतें मिल रही है। बीजेपी और बीजेपी समर्थित समूह लगातार हिंसा का आरोप लगाते रहे हैं। इस बाबत राज्यपाल को भी ज्ञापन दिया गया था और हस्तक्षेप की मांग की गई थी। बता दें कि चुनाव के बाद यह आरोप लगाए गये थे कि हिंसा के कारण बड़ी संख्या में बंगाल के लोग असम पलायन के लिए बाध्य हुए थे। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने असम के शिविरों में रह रहे लोगों से जाकर मुलाकात भी की थी। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर राज्य सरकार ने एसआईटी गठित करने की मांग की।
मामले की जांच SIT के कराने और लोगों को सुरक्षा देने की मांग की
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के कारण 1 लाख से ज़्यादा लोगों के पलायन की बात कही गई थी। याचिका में विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए आयोग बनाने की भी मांग, मामले की जांच SIT के कराने और लोगों को सुरक्षा देने की मांग की गई थी। राज्य प्रायोजित हिंसा को समाप्त करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ निर्देश देने की मांग की थी।
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पूर्व अधिकारियों ने राष्ट्रपति को दिया था ज्ञापन
बता दें कि हिंसा का शिकार कुछ लोग और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की थी। याचिका में कहा गया है कि हिंसा के कारण करीब 1 लाख लोगों को पलायन करना पड़ा। संपत्ति को नुकसान, महिलाओं के साथ यौन हिंसा हो रही है। बता दें कि इसी मामले में कल पूर्व अधिकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया था और सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग की थी।