पृथ्वी शॉ ने पिता को ठहराया अपनी नाकामी का जिम्मेदार, बयां किया सबसे बुरे पल का दर्द

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने अपने बुरे पल को याद किया है, जब उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। शॉ ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का शानदार आगाज किया, लेकिन आगे चलकर उन्हें काफी कठिन दौर से गुजरना पड़ा। कुछ दिनों तक वो चोट से परेशान रहे, फिर उन पर 2019 में प्रतिबंधित पदार्थ लेने का आरोप लगा, जिसके कारण वे आठ महीने तक क्रिकेट से दूर रहे।

ये था पूरा मामला

दरअसल, क्रिकबज से बात करते हुए पृथ्वी शॉ ने अपने सबसे कठिन दौर का जिक्र किया और कहा, हम सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए इंदौर में थे और मेरी तबीयत खराब थी। इसलिए मैं रात के खाने के लिए बाहर गया था और बहुत खांस रहा था। तभी मैंने पापा को फोन लगाया कि मुझे खांसी और जुकाम है तो उन्होंने मुझे बाजार में उन्होंने कहा कि एक कफ सिरप ले लो। मैंने इसके बारे में फिजियो को नही बताया।

एक महीने कमरे से बाहर नहीं निकला

शॉ ने आगे कहा, ‘मैंने उस सिरप को दो दिनों तक लिया और तीसरे दिन मेरा डोप टेस्ट हुआ। मुझे टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया। वह मेरे लिए वास्तव में सबसे कठिन दौर था, जिसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। इसके बाद मैं कुछ समय के लिए लंदन चला गया था और वहां एक महीने कमरे से बाहर नहीं निकला था।

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आठ महीने तक रहे क्रिकेट से दूर

बता दें कि बीसीसीआई ने डोपिंग रोधी नियम के उल्लंघन के चलते शॉ को जून 2019 में 8 महीने के लिए निलंबित कर दिया था।