पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही लगातार हिंसा और आगजनी की शर्मनाक घटनाओं की खबरें सामने आई। वहीं, चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य में कई दिनों तक इस तरह की घटनाएं होती रहीं। इस रक्त रंजित खेल में कई लोगों की जान भी गई और कई बीजेपी कार्यकर्ता तो बंगाल छोड़कर दूसरे राज्यों में शरण लेने को मजबूर हो गये। ऐसे में प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ आज यानी बृहस्पतिवार (13 मई) को हिंसा प्रभावित क्षेत्र कूचबिहार के दौरे पर निकले हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रशासनिक आदेश का हवाला देकर उन्हें संवैधानिक कर्तव्य के पालन से रोकने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन करते रहेंगे। राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री संविधान का उल्लंघन कर रही हैं। चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद आगजनी और लूट हो रही है।यह प्रजातंत्र के लिए ठीक नहीं है। तीन मई के बाद मुख्यमंत्री के पास सर्वसम्मत अधिकार हैं। शपथ लेने के करीब 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एक भी दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक दिन पहले राज्यपाल को पत्र लिखकर उनपर स्थापित परंपराओं व नियमों का उल्लंघन करने और इस दौरे से परहेज करने की अपील की थी।
मुख्यमंत्री ममता ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
बता दें, राज्यपाल के दौरे को लेकर बुधवार (12 मई) को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। ममता बनर्जी ने पत्र लिख कर कहा था कि जगदीप धनखड़ का चुनाव के बाद हिंसा से प्रभावित कूचबिहार जिले का योजनाबद्ध दौरा नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री, मंत्रियों को दरकिनार कर राज्य के अधिकारियों को निर्देश देने से दूर रहने की सलाह को भी आप लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं जो कि सही नहीं है।
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हिंसा के डर से बंगाल से असम भागे लोगों से मिलेंगे राज्यपाल
राज्यपाल ने जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के हालात का जायजा लेने के उद्देश्य से स्थानीय लोगों से बातचीत भी करेंगे। इस बीच उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बड़ा बयान दिया है। दरअसल, धनखड़ ने सवाल किया है कि हिंसा केवल बंगाल में ही क्यों हुई? हिंसा प्रभावित राज्यों में दौरा करने के जगदीप धनखड़ ने कहा कि , ‘चार राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव हुआ। हिंसा केवल बंगाल में ही क्यों हुई? सरकारी तंत्र ने मुझे जानकारी नहीं दी। मैंने निर्णय किया कि मैं हर संभव कदम उठाऊंगा, जिससे लोगों का हौसला बढ़े। ’वहीं, शुक्रवार (14 मई) को धनखड़ असम में रनपगली और श्रीरामपुर शिविरों में जाएंगे, जहां चुनाव के बाद बदला लेने के लिए हुई हिंसा की वजह से पश्चिम बंगाल के कुछ लोगों ने सुरक्षा के लिए शरण ली है। रनपगली असम के धुब्री जिले में है जबकि श्रीरामपुर कोकराझार जिले में है। दोनों जिले पश्चिम बंगाल से सटे हुए हैं।