वैसे तो पुलिसवालों को आम जनता का रक्षक कहा जाता है, लेकिन जब रक्षक ही राक्षस लगने लगे तो इस तरह की घटना होने में देर नहीं लगती है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई कोतवाली क्षेत्र से सामने आया है, जहां जेल से छूटे युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों का आरोप है कि पुलिस उत्पीड़न से तंग आकर ही युवक ने आत्महत्या की है। मोर्चरी में शव की एक आंख क्षत-विक्षत देख गुस्साए परिजनों ने अस्पताल गेट के बाहर ही जाम लगाकर हंगामा किया।
घटना की सूचना मिलते ही सीओ सिटी संतोष कुमार ने समझाकर परिजनों को शांत कराया और जाम खत्म कराया। पुलिस का कहना है कि आंख के क्षत-विक्षत होने का कारण मोर्चरी के चूहे भी हो सकते हैं। एएसपी राकेश सिंह का कहना है कि परिजनों के आरोपों की जांच सीओ सिटी को दी गई है।
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मोर्चरी के चूहे, नेवले बने लाइलाज
जानकारी के अनुसार, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का कहना है कि मोर्चरी में चूहों और नेवलों की तादात बहुत है। जिस कारण अक्सर ही वे शवों को क्षत-विक्षत कर देते हैं। हैरत की बात तो यह है कि समस्या बताने वाले इन लोगों ने उसके समाधान का क्या प्रयास किया, इस सवाल पर सभी चुप्पी साध जाते हैं।