मध्य प्रदेश के कांग्रेस महामंत्री व मीडिया प्रभारी के.के.मिश्रा ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं को यकायक वैक्सीन नहीं लगाने के केंद्र व राज्य सरकार के फैसले को महज एक संयोग न मानते हुए एक सोची समझी साजिश करार दिया है।
कांग्रेस महामंत्री ने लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस महामंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा है कि 29 अप्रैल मतदान दिवस पर युवाओं के वोट हासिल करने के लिए रची गई थी। लिहाजा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान राष्ट्र व राज्य के युवाओं के साथ किये गए इस छल को लेकर सार्वजनिक माफी मांगे।
केके मिश्रा ने अपने इस आरोप को स्पष्ट करते हुए कहा कि क्या कारण था कि पहले राष्ट्र के नाम अपने प्रसारण में प्रधानमंत्री ने 1 मई से 18+ को पूरे देश में वैक्सीन लगाने की जोर-शोर से घोषणा की। 28 अप्रैल से इसके पंजीयन का बड़े-बड़े विज्ञापनों/प्रसारणों के माध्यम से ढिंढोरा पीटा गया और 29 अप्रैल को देश के कुछ राज्यों में मतदान के अंतिम दिन का मतदान समाप्त होते ही नाटकीय तरीकों से इस “बहुप्रचारित वैक्सीन महोत्सव” की हवा निकाल दी गई। ऐसा क्यों व किस लिए किया गया? केंद्र-राज्य सरकारों को वास्तविक खुलासा करना चाहिए?
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कांग्रेस महामंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि सरकारों के पास अस्पतालों, बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन रेमडेसिविर, टोसी सहित पर्याप्त दवाइयां व अन्य उपकरणों के साथ वैक्सीन की भी पर्याप्त उपलब्धता है ही नहीं। यदि नहीं है तो “शाब्दिक जुमलों के झूठे तीर” क्यों चलाये जा रहे हैं? इन्हीं असफलताओं के कारण इन सरकारों द्वारा वास्तविक मौतों के आंकड़ें भी छुपाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री -मुख्यमंत्री इस नाजुक दौर में भी देश-प्रदेश के युवाओं के स्वास्थ्य के साथ किये गए इस आपराधिक छल को लेकर पूरे देश/प्रदेश से माफी मांगे।