पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बहुचर्चित व विवादित तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल पर अब सीबीआई की तलवार लटकने लगी है। पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे बांग्लादेश की सीमा पार गौ तस्करी के मामले में जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए मंगलवार को जांच एजेंसी के दफ्तर में हाजिर होने को कहा है।
तृणमूल नेता को नोटिस मिलने से ममता खफा
जिला तृणमूल अध्यक्ष अणुव्रत मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी माने जाते हैं और विपक्षी पार्टियों के नेताओं कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट धमकी और अन्य संगीन अपराधों के लिए कुख्यात रहे हैं। यहां तक कि वह आईपीएस अधिकारियों को भी धमकी देने से बाज नहीं आते। वह पूर्व में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राज्य के सर्व प्रिय नेता अब्दुल मन्नान का हाथ पैर तोड़ने की धमकी दे चुके हैं। अब उन्हें सीबीआई ने गौ तस्करी के मामले में नोटिस भेजा है।
जांच एजेंसी का दावा है कि इस मामले में गवाहों से पूछताछ के बाद अणुव्रत मंडल की संलिप्तता सामने आई है। पुलिस को मैनेज करने से लेकर सीमा क्षेत्रों से गायों से भरे ट्रक को बेरोकटोक पार करने में वह शामिल रहे हैं। इसलिए उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इधर 29 अप्रैल को आठवें चरण में उनके क्षेत्र में वोटिंग होनी है। इसलिए ममता बनर्जी ने इस नोटिस को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने खुद कहा है कि 29 अप्रैल के मतदान को बाधित करने के लिए ही सीबीआई ने उन्हें नोटिस भेजा है। इसलिए मैंने मना कर दिया है कि मत जाना।
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उल्लेखनीय है कि इसके पहले मंडल को आयकर विभाग का भी नोटिस मिला है। 2019 के लोकसभा चुनाव के समय उनके विवादित बयानों और धमकियों की वजह से चुनाव आयोग ने उन्हें घर में ही नजरबंद किया था। इस बार ममता बनर्जी पहले ही चेतावनी दे चुकी हैं कि इस बार अगर अणुब्रत मंडल को नजरबंद किया तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।