भारत में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना के डर ने देश के कारोबार को प्रत्यक्ष नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। कोरोना संकट के बाद की गई सख्ती के कारण देश की अर्थव्यवस्था को हर सप्ताह 125 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कोरोना संकट के कारण देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान का ये आकलन ब्रिटेन की ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने किया है। बार्कलेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के तेजी से बढ़ने की वजह से कई राज्य ने लोगों के आने-जाने और कारोबारी गतिविधियों पर सख्ती करने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में सेमी या वीकेंड लॉकडाउन के उपाय अपनाय जा रहे हैं। इससे देश की कारोबारी गतिविधियों को काफी नुकसान हो सकता है।
इस रिपोर्ट के कोरोना संकट के दौरान अपनाये जा रहे प्रतिबंधात्मक उपायों के कारण अर्थव्यवस्था को प्रति सप्ताह 125 अरब डॉलर का तो नुकसान हो ही रहा है, देश की पहली तिमाही की जीडीपी पर भी 140 बेसिस प्वायंट्स का असर पड़ सकता है।
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बार्कलेज की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर कोरोना संक्रमण मई महीने के अंत तक जारी रहा और अलग अलग राज्य सरकारें अभी की तरह ही प्रतिबंधात्मक उपायों का ऐलान करती रहीं, तो देश की अर्थव्यवस्था और वाणिज्यिक गतिविधियों को 1000 करोड़ डॉलर तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।