उकसावे वाली बयानबाजी और मुस्लिम समुदाय को एकजुट होकर उन्हें वोट करने वाले बयान के कारण चुनाव आयोग द्वारा प्रचार में 24 घंटे का प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को धर्मतल्ला की गांधी मूर्ति के पास धरना देने के लिए पहुंच गई हैं। हालांकि बापू की जिस मूर्ति के पास ममता बनर्जी को धरना देना है, वह सेना की पूर्वी कमान मुख्यालय के अधीन है और वहां किसी भी तरह के कार्यक्रम अथवा प्रदर्शन के लिए सेना की अनुमति की जरूरत है।
ममता बनर्जी ने मांगी थी सेना की अनुमति
तीनों सेनाओं के पूर्वी कमान के प्रवक्ता मनदीप सिंह हुड्डा ने बताया कि सुबह 9:00 बजे के करीब तृणमूल कांग्रेस ने ईमेल के जरिए सेना से इसकी अनुमति मांगी थी लेकिन इतने कम समय में इसपर निर्णय लेना संभव नहीं है। सुबह 10:45 बजे जब ममता बनर्जी गांधी मूर्ति के पास धरना देने के लिए पहुंची हैं, तब हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि अभीतक सेना ने अनुमति नहीं दी है और जबतक अनुमति नहीं मिल जाती तब तक पुलिस को ममता बनर्जी को वहां बैठने के लिए अनुमति नहीं देनी चाहिए थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या बिना अनुमति अगर ममता धरने पर बैठती हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी? हुड्डा ने कहा कि पहले वे धरना शुरू करें, उसके बाद कानून के मुताबिक काम किया जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम लोगों को चुनावी ड्यूटी में तैनात अर्धसैनिक बलों के जवानों को घेरने के लिए उकसाया था और मुसलमानों से एकजुट होकर उन्हें वोट करने की अपील की थी। चुनाव आयोग ने इस बारे में ममता बनर्जी को नोटिस देकर जवाब मांगा था जिसपर उन्होंने कहा था कि उन्होंने किसी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। इसके बाद ही आयोग ने उनके चुनाव प्रचार पर सोमवार रात 8:00 बजे से मंगलवार रात 8:00 बजे तक 24 घंटे का प्रतिबंध लगाया है और भविष्य में इस तरह की बयानबाजी नहीं करने की चेतावनी दी है।