उत्तर प्रदेश में तैतान आईपीएस अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। वह आईजी रूल मैन्युअल के पद पर तैनात थे। इनके अलावा आईपीएस राजेश कृष्ण और आईपीएस राकेश शंकर भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सूची में शामिल है।

अमिताभ ठाकुर को लेकर गृह मंत्रालय ने जारी किया आदेश
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश पर आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाये रखे जाने के उपयुक्त नहीं पाया गया है। अखिल भारतीय सेवायें (डीसीआरबी) नियमावली-1958 के नियम 16 के उप-नियम-3 के अन्तर्गत लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त का निर्णय लिया गया है।
भारत सरकार ने इसके लिए यूपी प्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिखा था जिसमें अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने, उनको तीन माह का वेतन और भत्ते दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में तीनों आईपीएस अफसर अनुपयुक्त पाये गए हैं। इसके बाद तीनों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।
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मौजूदा समय में पीएसी की 10वीं बटालियन के सेना नायक आईपीएस राजेश कृष्ण पर आजमगढ़ में तैनाती के दौरान पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप हैं। आईपीएस राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) की देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका थी। आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर तमाम मामलों में जांचें चल रहीं थी।
आईपीएस अमिताभ ने किया ट्वीट
अनिवार्य सेवानिवृत्ति की जानकारी के बाद आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट करके कहा कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिये। जय हिन्द।
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