सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित मामले को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई करेगा। कोर्ट ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को इजाजत दी कि वह दूसरे हाईकोर्ट में लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की गुहार लगा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट से की गई बड़ी मांग
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में की जाए। जिन लोगों को वैक्सीन की पहले जरूरत है, उन्हें पहले मुहैया कराने की नीति पर केंद्र सरकार चल रही है। तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट और बांबे हाईकोर्ट में चल रहे मामलों की सुनवाई पर रोक लगाई जाए और सुप्रीम कोर्ट खुद मामले की सुनवाई करे।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा कि याचिककर्ता को आशंका है कि लोगों के संपर्क में आने से वो बीमार हो जाएंगे, वो बस एक भरोसा चाहते है। तब मेहता ने कहा कि तीस-पैंतीस साल का सब्जी विक्रेता भी अपनी जीविका चलाता है। यहां किसी एक वर्ग की बात नहीं है। मेहता ने कहा कि कल को पत्रकार भी वकीलों की तरह राहत मांगने लगे फिर। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हम ये नहीं जानते कि पत्रकार काम करने के दौरान किसी के संपर्क में आते हैं या नहीं, लेकिन वकील संपर्क में जरूर आते हैं।
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सुनवाई के दौरान में चीफ जस्टिस ने केन्द्र सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस मामले में सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है। हम बस चाहते हैं कि वैक्सीन कुछ प्रोफेशनल्स जैसे डॉक्टर और वकील को मिले, ताकि वो अपनी जीविका को चला सकें। तब मेहता ने कहा कि याचिककर्ता हमें एक प्रस्ताव दें। हम इसको एक्सपर्ट कमिटी के समक्ष रखेंगे और दो दिनों में इसका जवाब दे देंगे।