भले ही कांग्रेस को इन दिनों भीतरी कलह का सामना करना पड़ रहा हो लेकिन कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस भीतरी कलह को भी पार्टी की उपलब्धि करार दिया। दरअसल, राहुल गांधी ने पहली बार 23 असंतुष्ट नेताओं (जी-23) को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी सम्मिलित स्वभाव के नजरिए को समझती है। तभी हमारी पार्टी में अलग-अलग विचार के लोगों को अपनी राय रखने का मौका मिलता है। ऐसे में जी-23 जैसा समूह कांग्रेस को छोड़ कहीं और नहीं हो सकता।
राहुल गांधी ने पीएम पद को लेकर भी दिया बयान
अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रो आशुतोष वार्ष्णेय के साथ गत मंगलवार को वर्चुअल संवाद में राहुल गांधी ने जी-23 समूह को लेकर कहा कि कांग्रेस सम्मिलित स्वभाव के नजरिए को समझती है और उसी के तहत पार्टी बातचीत और समझौतों की अनुमति देती है।
आगे उन्होंने कहा कि पार्टी असंतुष्ट नेताओं द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष को सीधे तौर पर पत्र लिखकर मांग करना बताता है कि लोग संवाद की प्रक्रिया से बंधे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही लोग आज अंतर्कलह की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस को माप रहे हों, लेकिन हकीकत है यह कि किसी अन्य पार्टी में इस प्रकार खुलकर संवाद के लिए कोई जगह नहीं है।
वहीं, गांधी परिवार द्वारा कांग्रेस में नए नेतृत्व को आगे बढ़ाने के संबंध में राहुल गांधी ने कहा कि उनके परिवार से कोई भी व्यक्ति सन् 1989 के बाद से प्रधानमंत्री पद पर नहीं रहा है। जहां तक बात पार्टी के प्रमुख के चयन की है तो कांग्रेस में चुनाव की एक प्रक्रिया है, जिसके बाद ही नए पार्टी प्रमुख को चुना जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के 23 असंतुष्ट नेताओं (जी-23 समूह) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में परिवर्तन तथा स्थायी नेतृत्व के लिए चुनाव कराने की मांग की थी।