प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर रोजगार के झूठे ट्वीट और आंकड़े प्रस्तुत करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ये सरकार रोजगारपरक नहीं बल्कि प्रचारजीवी सरकार बनकर रह गई है। बकायदा मुख्यमंत्री के ऑफिशियल हैंडल से झूठे रोजगार के आंकड़े और रोजगार देने के झूठे दावे को ट्वीट कर प्रदेश के लाखों लाख बेरोजगारों को सिर्फ भरमाने का कार्य कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में पहली बार बेरोजगारी अपने उफान पर है। रोजगार मांगने पर बेरोजगारों को लाठियां मिल रही हैं और मुकदमे लादे जा रहे हैं। प्रयागराज में रोजगार के लिए आन्दोलन कर रहे 103 बेरोजगारों पर मुकदमा दर्ज कर उत्पीड़नात्मक कार्यवाही तक करने में योगी सरकार नहीं हिचक रही। सरकार सिर्फ पीआर, ब्रान्डिंग, होर्डिंग और प्रचार की सरकार बनकर रह गई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने लोक संकल्प पत्र में 5 साल में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन, मुख्यमंत्री द्वारा अपने कार्यकाल के लगभग चार वर्ष की समाप्ति पर स्वयं की गयी घोषणा में महज चार लाख रोजगार देने का झूठा दावा किया गया जो कि उनके वादे का मखौल उड़ाती है। प्रदेश में सरकारी भर्तियों का बदहाल आलम यह है कि तमाम विभागों में पांच लाख पद रिक्त पड़े हैं और जो भी भर्तियां निकाली जाती हैं वह सभी घोटालों की भेंट चढ़ रही हैं।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पिछले दो सालों में ही साढ़े बारह लाख पंजीकृत बेरोजगार बढ़े हैं। सरकार द्वारा 90 दिनों में पांच लाख रोजगार देने जैसे झूठे दावे करके बेरोजगारों और युवाओं का मजाक उड़ाया जा रहा है। सरकार आंकड़ों में हेराफेरी करके बेरोजगार युवाओं को भ्रमित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार का दावा है कि कोरोना की वजह से बेरोजगारी दर बढ़ी है जबकि 2018-19 का राष्ट्रीय सांख्यिकी का डाटा कहता है कि 2019 में उप्र में बेरोजगारी दर पूरे देश में सर्वाधिक थी। 2018 में भी बेरोजगारी दर 15.8 प्रतिशत के साथ पूरे देश में सर्वाधिक था। उप्र सरकार हर वर्ष लाखों बेरोजगार युवाओं की संख्या बढ़ा रही है। स्वयं सहायता समूह बनाकर माइक्रो फाइनेन्स का वितरण कर सरकार बेरोजगारी से निपटने का दावा कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि सरकार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के बजाए बेरोजगारों को कर्जदार बना रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों के 75 हजार से ज्यादा एमएसएमई सेक्टर तबाह और बर्बाद हो गये हैं। उप्र के ही तमाम सूक्ष्म और लघु उद्योग बन्द होने की कगार पर हैं। सरकार उनको प्रत्यक्ष सहायता के माध्यम से उबारने के बजाए उनको कर्ज का लॉलीपॉप दिखा रही है।
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि अब तक 36 लाख से अधिक बेरोजगार नौजवानों ने सरकारी रोजगार पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। प्रदेश में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत से अधिक है जो कि पूरे देश में सबसे अधिक है। यह प्रदेश की बेरोजगारी की भयावहता को दर्शाता है।