मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर समाज, सरकार के पीछे चले तो इससे वह कभी स्वावलम्बी नहीं बन सकता। जब समाज आगे चलेगा और सरकार पीछे चलकर उसका अनुसरण करेगी तो वह स्वावलम्बी होगा और सशक्तीकरण की दिशा में आगे बढ़ेगा।
नारी सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नकारात्मकता हमारी ऊर्जा का नाश करती है। सकारात्मक सोच के साथ हमें आगे बढ़ना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन की दिशा में बढ़ते हुए नारी सशक्तीकरण अभियान को आगे बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर यह कार्यक्रम नारी सशक्तीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। जिन लोगों ने नारी सुरक्षा व नारी गरिमा के क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है, उन्हें मुख्यमंत्री ने बधाई दी।
1,535 थाने और 350 तहसीलों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना
उन्होंने कहा कि नारी सुरक्षा व नारी गरिमा के प्रति केन्द्र व प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हर योजना की शुरुआत की धुरी कहीं न कहीं महिला के इर्द-गिर्द घूमती है। इसी के तहत मिशन शक्ति कार्यक्रम शुरू किया गया है। मिशन शक्ति के अन्तर्गत 1,535 थाने और 350 तहसीलों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना हमने पहले चरण में सम्पन्न की है। इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में तीन वर्ष में 54 लाख बच्चे बढ़े
मुख्यमंत्री ने परिषदीय स्कूलों के अपने निरीक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि देखने को मिला कि बालिकाएं ज्यादा थीं व बालक पब्लिक स्कूल में पढ़ने जाते हैं। तब हमने तय किया कि इन्हें कॉन्वेंट की तर्ज पर विकसित करेंगे। प्रदेश के स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प चलाया गया है। आज बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पिछले तीन वर्ष में 54 लाख बच्चे बढ़े हैं और लगातार इसमें वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल चलो अभियान का विशेष आयोजन अप्रैल और जुलाई में होता है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की जो शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की है, शिक्षा उसका सबसे बड़ा आधार बन सकती है।
अपराधों के पीछे का सबसे बड़ा कारण जागरूकता का अभाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला अपराधों के पीछे का सबसे बड़ा कारण जागरूकता का अभाव है। पहले वूमन पॉवर लाइन 1090 प्रदेश के केवल चार नगरीय जनपदों तक सीमित थी। आज सभी 75 जनपदों से इस पर कॉल आती हैं, जिससे महिलाओं को सहायता दी जाती है। आज घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं हेतु 181 हेल्प लाइन पूरे प्रदेश में काम कर रही है। साथ ही इसको 112 उत्तर प्रदेश के साथ इंटीग्रेट किया गया है। सीएम हेल्पलाइन 1076 भी जारी की गई है।
पुलिस में 20 फीसदी महिलाओं की भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा को स्नातक तक मुफ्त करने का कार्य उत्तर प्रदेश सरकार ने किया है। पुलिस में 20 फीसदी महिलाओं की भर्ती की गई है। हमने लखनऊ, बदायूं और गोरखपुर में महिला पीएसी बटालियन भी गठित की है। इसी तरह प्रदेश सरकार बालिकाओं को कन्या सुमंगला योजना का लाभ दे रही है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में 51,000 की राशि कन्या विवाह के लिए दी जा रही है। अब तक डेढ़ लाख से अधिक युवतियों के विवाह इस योजना के माध्यम से हुए हैं।
कोटे की दुकान निरस्त होने पर महिला स्वयं सेवी समूह को जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कहीं से कोटे की दुकान के संचालन में कोई शिकायत आती है तो उसे निरस्त कर संचालन की जिम्मेदारी महिला स्वयं सेवी समूह को दी जाएगी। पोषण अभियान भी महिला स्वयं सेवी समूहों की सहभागिता से चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत हमने हर परिवार को आवास उपलब्ध कराने का कार्य किया और इसमें मालिकाना हक घर की महिला सदस्य को दिया है। यह कार्यक्रम महिला सशक्तीकरण की दिशा में किया गया है।
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माता के समान विश्व में कोई जीवनदाता नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राष्ट्रस्य श्व: नारी अस्ति। नास्ति मातृसमा छाया, नास्ति मातृसमा गतिः। नास्ति मातृसमं त्राण, नास्ति मातृसमा प्रपा।। अर्थात माता के समान कोई छाया, आश्रय व सुरक्षा नहीं। माता के समान इस विश्व में कोई जीवनदाता नहीं।’ मिशन शक्ति का कार्यक्रम महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन से जुड़ा है। जब यह तीनों एक साथ होंगे तो नारी सशक्तीकरण का लक्ष्य स्वत: ही प्राप्त होगा।