मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नारी गरिमा के रूप में नारी शक्ति का जो हमारा कार्यक्रम चल रहा है। वह महिलाओं की सुरक्षा, महिलाओं के सम्मान और महिलाओं के स्वावलंबन से भी जुड़ा है। जब सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान एक साथ जुड़ेगा, तो नारी सशक्तीकरण का लक्ष्य स्वत: प्राप्त होगा।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का हुआ सम्मान
मुख्यमंत्री सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान एवं संवाद तथा विभिन्न योजनाओं का शुभारम्भ-शिलान्यास किया गया। इसके साथ ही सभी जनपदों में विभिन्न आयोजनों की श्रृंखला की शुरुआत की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समाज ने मातृशक्ति को इतना सम्मान दिया हो उस समाज में आधी आबादी के साथ भेदभाव और बर्बरता क्यों हो रही है, यह प्रश्न हम सबके सामने हमेशा खड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि वहीं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की जब बात आती है तो हम जैसे भारतीयों के बारे में तो यह प्रश्न स्वत: खड़ा होता है कि क्या अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्यक्रमों की औपचारिकता तक सीमित रहकर हम इस समस्या का समाधान निकाल पाएंगे।
उन्होंने कहा कि लेकिन यह शुरुआत है। हम लोगों ने तो अपने पर्व और त्योहारों को तक महिलाओं के साथ जोड़ा है। प्रदेश में जब मिशन शक्ति का कार्यक्रम प्रारंभ किया गया तो शारदीय नवरात्रि थी। यानी नारी शक्ति की प्रतीक जगत जननी मां भगवती दुर्गा के अनुष्ठान का कार्यक्रम था, जिसके हम वर्ष में दो बार आयोजित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हम सरकार में आए तो हमारे सामने चुनौतियां थी। उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। यहां की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए हम लोगों ने जो अभियान प्रारंभ किए, उसमें प्रदेश के समग्र और समावेशी विकास को ध्यान में रखा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र और समावेशी विकास के लिए आवश्यक है कि एक ऐसी व्यवस्था, जिसमें व्यक्ति व्यक्ति के बीच में जाति, क्षेत्र, भाषा और किसी अन्य आधार पर विभाजन की रेखा नहीं खींची जाए।
उन्होंने कहा कि लेकिन बहुत से ऐसे वर्ग हैं जिनको विशेष प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उस प्रोत्साहन के लिए आवश्यकता पड़ी तो समाज के साथ सरकार खड़ी होगी। समाज व सरकार जब एक साथ खड़ी होंगे और एक साथ चलना प्रारंभ करेंगे तो समस्या का समाधान स्वत: होते हुए दिखाई देगा।
उन्होंने कहा कि इस मंच पर आज समाज की अलग-अलग क्षेत्र में कार्य करने वाली चार ऐसी नारी शक्ति की स्वरूप की बात सभी ने सुनी। इन महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है। इन्हीं में से एक झांसी की रवि रंजना पाल हैं। मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड के सूखे और पालयन का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में सरकार ने सूखे की समस्या का काफी हद तक समाधान किया है। अब तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से बुन्देलखण्ड के लिए हर घर नल की योजना लेकर सरकार कआ रही है। हर घर तक पेयजल की व्यवस्था उपलब्ध कराने का काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने 2019 में अपने बुन्देलखण्ड दौरे के दौरान बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी के शुभारम्भ का जिक्र करते हुए कहा कि एक वर्ष में ही इन लोगों ने 46 करोड़ का टर्नओवर किया और दो करोड़ का शुद्ध मुनाफा भी कमाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सम्मानित होने वाली महिलाओं में इस मिल्क उत्पादन संगठन के साथ जुड़ी रवि रंजना पाल भी हैं।
मुख्यमंत्री ने इसी तरह आरती राना का जिक्र किया। आरती राना को जनजातीय महिलाओं के थारू परम्पराओं से सम्बन्धित हस्तशिल्प कला उद्योग को प्रेरित करने में विशिष्ट योगदान दिए जाने पर सम्मानित किया गया। थारू हस्तशिल्प ओडीओपी में भी शामिल है। आरती राना ने तमाम महिलाओं को अपने साथ जोड़ा। यह सभी अब उनके साथ काम कर रही हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल का सीमावर्ती क्षेत्र में थारू जनजाति से जुड़ा हुआ एक समुदाय है। इसके लोग आजादी के बाद भी बुनियादी सुविधाओं से त्रस्त थे शासन और प्रशासन की व्यवस्था से यह समुदाय कटा हुआ था।
मुख्यमंत्री ने कहा सरकार ने इनके लिए काम किया और केन्द्र और प्रदेश सरकार की योजनाएं इन लोगों तक पहुंचने लगी तो यह समुदाय राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ कर अपना योगदान राष्ट्र के निर्माण में दे रहा है। लेकिन, यही समुदाय नेपाल के माओवादी बन जाता है और वहां की व्यवस्था को तहस-नहस करते हुए दिखाई देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा सामाजिक जब भी अपनों के साथ भेदभाव करता है तो उसका एक विकृत रूप भी देखने को मिलता है, जो नेपाल में माओवाद के रूप में देखने को मिल रहा है।उन्होंने कहा लेकिन, जब समाज उन लोगों के साथ अपनत्व का भाव जोड़ता है और शासन की योजनाओं के साथ उन्हें जोड़ता है तो आरती राना जैसी महिलाएं तमाम लोगों के जीवन में एक नया प्रकाश करती हुई दिखाई देती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखीमपुर खीरी में अनेक महिलाएं स्वयंसेवी समूह के माध्यम से स्वावलंबन की ओर अग्रसर हैं। वर्ष 2018 में जब एक जिला एक उत्पाद की योजना प्रदेश सरकार ने प्रारंभ की तो उसका मकसद परम्परागत उत्पाद को एक नया मंच प्रदान करन था। इस प्रयास में जब लखीमपुर खीरी की बात आई थी तो वहां पर थारुओं से जुड़े हुए उत्पाद को ही एक जिला एक उत्पाद का हिस्सा बनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता जतायी कि आज उन्हें राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा इसी तरह यहां पर उपस्थित प्रियंका गोस्वामी ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। उन्होंने कहा कि कोई खिलाड़ी जब ओलंपिक में जाता है तो प्रदेश सरकार उस सहयोग करती है और जो मेडल लेकर आता है उसको विशेष सम्मान दिया जाता है। ओलंपिक में गोल्ड मेडल लेकर आने पर प्रदेश सरकार छह करोड़ की धनराशि प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने प्रियंका को मेडल लेकर आने की शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि वहीं उससे पहले वहां जाने का खर्च और जो भी उससे पहले तैयारी की सुविधा होगी, प्रदेश सरकार उसमें भरपूर सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रियंका गोस्वामी ने नारी गरिमा और नारी सशक्तीकरण के इस अभियान को अपने दम पर आगे बढ़ाया है।
उन्होंने इसी तरह गोरखपुर की से वर्षा श्रीवास्तव का जिक्र करते हुए कहा कि पहले चरण में जरूरी नहीं कार्य बड़े स्तर पर किया जाए। शुरुआत छोटे से होती है। वर्षा ने शासन की योजना को लाभ लेने के लिए जिला उद्योग केंद्र की सहायता ली। वहां जाकर रेडीमेड गारमेंट के काम को लेकर जानकारी की। वह घर में सिलाई का काम करती थीं। लेकिन, उन्होंने इसका विस्तार करने का सोचा और उस को विस्तार देते हुए न केवल स्वयं बल्कि अनेक परिवारों को भी इसके साथ ट्रेनिंग देकर आगे बढ़ाने का काम किया।
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आज इससे जुड़ा परिवार प्रतिदिन 500 से लेकर 1,000 परिवार कमा रहा है। उन्होंने कहा कि जिनके पास आय का कोई जरिया नहीं है। अगर वह अपने घर गृहस्थी का संचालन करते हुए प्रतिदिन इतने रुपये कमाता है तो यह उनके लिए भी संतोष का कारण है और समाज व राष्ट्र के लिए भी यह एक स्वावलंबन का आधार बनता है।