प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सोमवार को विधानसभा में बेरोजगार नौजवानों का मुद्दा उठाते हुए योगी सरकार के बेरोजगारी पर प्रस्तुत किये जा रहे आंकड़ों को झूठा और हवा-हवाई करार दिया।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने लोक संकल्प पत्र में पांच साल में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन, मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं की गयी घोषणा में महज चार लाख रोजगार देने का दावा किया गया जो कि उनके वादे का मखौल उड़ाती है। प्रदेश में सरकारी भर्तियों के तमाम आयोगों में उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग प्रमुख है। लेकिन, उसकी मौजूदा बदहाल स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2016 से लेकर 2019 के बीच इसके द्वारा निकाली गयी 24 प्रकार की भर्तियों में से 22 भर्तियां अभी तक अटकी हुई हैं। वहीं 11 भर्तियों में से अब तक महज आयोग से एक ही भर्ती सकुशल हो पायी है। शेष अभी तक लम्बित पड़ी हुई हैं।
अजय लल्लू ने कहा कि आयोग की लम्बित भर्तियों में वीडीओ 2018, युवा कल्याण अधिकारी, गन्ना पर्यवेक्षक, सम्मिलित तकनीकी सेवा, आबकारी सिपाही आदि शामिल हैं। वीडीओ 2018 की भर्ती के अभ्यर्थी पिछले 17 महीने से लगातार नियुक्ति की मांग को लेकर सड़कों पर आन्दोलनरत हैं। साथ ही साथ उप्र कान्सटेबल भर्ती के अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में है। वर्ष 2018 में कान्सटेबल पद के लिए 49,568 रिक्तियों में से मात्र 14,000 अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग में भेजा गया बाकी 35,568 अभ्यर्थी अभी तक अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं और आये दिन राजधानी में धरना-प्रदर्शन करने को विवश हैं। अहंकारी और संवेदनहीन सरकार ने इनको अपने हाल पर छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की विकास दर घटकर लगभग 6.4 प्रतिशत रह गयी है। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। पिछले दो सालों में ही साढ़े बारह लाख पंजीकृत बेरोजगार बढ़े हैं। सरकार लम्बित भर्तियों पर कोई कारगर कदम नहीं उठा रही है। जिसके कारण बढ़ती बेरोजगारी दर चिन्ता का विषय बनी हुई है। सरकार द्वारा 90 दिनों में 5 लाख रोजगार देने जैसे झूठे दावे करके बेरोजगारों और युवाओं का मजाक उड़ा रही है। उप्र में आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के चलते आये दिन युवा बेरोजगारों की आत्महत्या के आंकड़े बढ़ रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब तक 36 लाख से अधिक बेरोजगार नौजवानों ने सरकारी रोजगार पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। प्रदेश में बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत से अधिक है जो कि पूरे देश में सबसे अधिक है। यह प्रदेश की बेरोजगारी की भयावहता को दर्शाता है। सरकार अपने अहंकार में इसका हल निकालने के बजाए रोजगार मांगने वाले नौजवानों के प्रति दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। प्रयागराज में रोजगार मांग रहे 103 छात्र-छात्राओं पर मुकदमा दर्ज करना सरकार की निरंकुशता का प्रमाण है। सरकार आवाज उठाने पर प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा में बेरोजगारों का मजाक उड़ाती है और फर्जी आंकड़े प्रस्तुत करके बेरोजगारी की भयावह स्थिति को छिपाने का असफल प्रयास करती है।
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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि संविदा और ठेके पर नौकरी करने वाले युवाओं को रोजगार बताया जाना किसी भी कीमत पर उचित नहीं है। बल्कि यह युवाओं और बेरोजगारों का शोषण है। कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे पर सरकार के रवैये से नाराज होकर विधानसभा से बर्हिगमन भी किया।